शोभायात्रा में उमड़ी आस्था,बड़ी संख्या में सिर पर कलश धारण किये महिलाएं व गले मे कृष्ण नाम का दुपट्टा डाले पुरुष हुए शामिल,माहौल हुआ धर्ममय,देखे फोटोज व वीडियो

नापासर टाइम्स। धर्म नगरी नापासर में दीनदयाल वासुदेव झंवर परिवार द्वारा अपने पूज्य स्व बालकिशन झंवर की पुण्यस्मृति में सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन दिनांक 28 अक्टूबर शुक्रवार से 3 नवम्बर को देशनोक रोड स्थित माहेश्वरी भवन में आयोजित होगा। आज सुबह 10 बजे सनातन शंकर संस्कृत पाठ शाला शिवालय से भव्य शोभायात्रा निकली,शोभायात्रा में सिर पर कलश धारण किये महिलाएं व गले मे राधे-राधे का दुपट्टा डाले पुरुष बेंड पर भजनों की धुन पर आस्था से सरोबार होकर शामिल हुए,शोभायात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया,शोभायात्रा में चक्रवती तुलसी पीठाधीश्वर रामानन्दाचार्य रामभद्राचार्य जी महाराज अपनी निजी गाड़ी में जेड श्रेणी के सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में शामिल रहे,महाराज श्री के दर्शन करने ग्रामीण उमड़े,हर कोई महाराज श्री की एक झलक पाने को उत्साहित था,शोभायात्रा शिवालय से वेद जी मन्दिर,मुख्य बाजार होते हुए देशनोक रोड़ गणेश मंदिर के पास माहेश्वरी भवन पहुंची। शोभायात्रा में भामाशाह दामोदर प्रसाद झँवर,शंकरलाल झँवर,रीको संघ के अध्यक्ष किशनलाल मोहता,शुभकरण लाहोटी,राजू झँवर,राम जी सोनी,मनोज आसोपा,श्रवण शर्मा,सरपँच प्रतिनिधि रतिराम तावनिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।आयोजनकर्ता दीनदयाल झँवर ने शोभायात्रा में शामिल हुए और रास्ते मे मिले सभी ग्रामीणों से भागवत कथा श्रवण करने का स्नेह भाव से निमंत्रण दिया।
आयोजन कर्ता दीनदयाल झंवर ने बताया कि कथा आज से प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक आयोजित होगी उन्होंने कहा कि धर्मचक्रवर्ती, महामहोपाध्याय, श्रीचित्रकूट तुलसीपीठाधीश्वर,जगद्गुरु रामानन्दाचार्य,महाकवि, प्रस्थानत्रयी भाष्यकार गुरु महाराज रामभद्राचार्य जी के दर्शन मात्र से आत्मिक शांति व अलौकिक शक्ति का अहसास होता है,भावुक भक्तों को भक्तिरस, धर्माचार्यों को शास्त्रानु मोदित, धर्माचरण द्वारा तलस्पर्शी मनीषियों को काव्यानंद द्वारा, हिन्दू राष्ट्रीय को राष्ट्ररूप श्रीराम के समर्थन द्ववारा एवं दिव्याग जगत को अह्निश सेवा द्वारा आनंदित करने वाले भागवत कृपाचार्य पूज्यवाद आचार्यचरण सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत से सतत वंदनीय है महाराज जी विश्व की विलक्षण विभूति के दर्शन एवं उनके द्वारा भागवत कथा श्रवण करके अपना जीवन सार्थक कर साथ ही इनके द्वारा संचालित सभी प्रारूपों में अधिक अधिक सहयोग करे।