आई फ्लू; तेजी से फैल रहा है Eye Flu, जानें पिंक आईज की समस्या से जुड़े 5 कॉमन सवाल और उनके जवाब

    नापासर टाइम्स। देशभर में बारिश से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली समेत देश के ज्यादातर राज्य जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। बारिश से बिगड़े हालात के बीच एक नई समस्या सामने आ गई है। पिछले कुछ दिनों से आई फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इस वर्ष जुलाई में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक वर्षा हुई। इसलिए हर साल अगस्त तक जितने मरीज होते थे, उतने इस साल जुलाई महीने में ही देखने को मिल रहे हैं। इस साल ये वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसे में डॉक्टर से आई फ्लू इंफेक्शन, इसके लक्षण और उपाय (HOW TO PROTECT YOURSELF FROM EYE FLU) के बारे में जानेंगे…

    आई फ्लू यानि कंजंक्टिवाइटिस को पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा में सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा एक स्पष्ट परत है जो आंख के सफेद भाग और पलकों की अंदरूनी परत को ढकती है। मानसून के दौरान कम तापमान और नमी के कारण, लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जिससे एलर्जी रिएक्शन और कंजंक्टिवाइटिस जैसे इंफेक्शन होते हैं।

    आई फ्लू को पिंक आइज क्यों कहा जाता है ? Conjunctivitis: What Is Pink Eye?

    कंजंक्टिवाइटिस को पिंक आइज भी कहा जाता है। यह इंफेक्शन कंजंक्टिवा की सूजन है (पतली, क्लियर लेयर जो आंख के अंदर की रेखा बनाती है और आंख के सफेद भाग को ढकती है) और जब इस समस्या में आंख का सफेद रंग वाला हिस्सा गुलाबी या लाल हो जाता है। तो इसे पिंक आइज कहते हैं।

    पिंक आइज यानि आई फ्लू के मामले क्यों बढ़ रहे हैं ? What are the causes of the Eye flu?

    उजाला सिग्नस हॉस्पिटल ग्रुप के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद हसीब बेग ने बातचीत में बताया कि बाढ़ का पानी, प्रदूषण फैलाने वाले कई एलिमेंट्स के चलते पानी दूषित हो जाता है। इन कारणों में सीवेज और अन्य बैक्टेरिया शामिल होते हैं। जब लोग इस दूषित जल के संपर्क में आते हैं, तो बैक्टीरिया और वायरस आंखों तक पहुंचने का खतरा होता है। इससे कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।

    इसके अलावा साफ पानी और सफाई की सुविधाओं की सीमित उपलब्धता, बारिश के कारण हवा में ऐसे कई तत्व फैल सकते हैं, जो एलर्जी और जलन पैदा करते हैं और बाढ़ के कारण नमी की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इससे बैक्टीरिया और वायरस के पनपने के लिए अनुकूल माहौल तैयार होता है। गर्म और नम परिस्थितियों में संक्रामक तत्वों को जिंदा रहने और फैलने के लिए उचित वातावरण मिलता है। इससे पिंक आई के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

    आई फ्लू के लक्षण कैसे दिखाई देते हैं ? – Eye Flu Infection Symptoms

    आई फ्लू को कंजक्टिवाइटिस के नाम से जानते हैं, इसके प्रमुख रूप से तीन प्रकार हैं। आप जिस प्रकार के कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं उसके अनुसार भी लक्षण दिखाई देते हैं। डॉक्टर ऑन डोर (DOD) की संस्थापक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीलम मीणा ने से बातचीत में बताया कि कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis Causes) के कारण एक या दोनों आंखें लाल हो सकती हैं, खुजली हो सकती है, किरकिरा पन हो सकता है, आंखों से पानी और गिड निकलने की समस्या (Conjunctivitis Symptoms) हो सकती है, पलको मे सूजन आ सकती है और कई बार रोशनी की समस्या हो सकती है। अगर आपको ऐसी समस्या हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

    आई फ्लू से बचने के घरेलू उपाय क्या हैं ? – Effective Home Remedies To Treat Eye Flu Infections

    आई फ्लू से बचने के लिए अपने हाथ बार-बार धोएं, अपनी आंखों को बार-बार हाथों से न छुएं और अपने आस-पास साफ-सफाई रखें। समय-समय पर अपनी आंखें धोते रहें। अगर बाहर जाना ज्यादा जरूरी है तो काला चश्मा पहनकर जाएं, साथ ही पीड़ित से नजरें मिलाने से बचें। आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर, तौलिया या कपड़े इस्तेमाल न करें और इस दौरान टीवी-मोबाइल से दूरी बनाकर रखें।

    आई फ्लू कितने दिन में ठीक हो जाएगा? – How long does pink eye last?

    यह वायरल कंजक्टिवाइटिस है, इसलिए यह एक ऐसी बीमारी है जो अपने आप ठीक हो सकती है। वॉश बेसिन, तौलिया या तकिया घर में हर किसी को संक्रमित कर सकता है। आई फ्लू से ठीक होने में 3 से 5 दिन का समय लग सकता है। लेकिन अगर संक्रमण एक के बाद दूसरी आंख में होता है, तो इसे ठीक होने में अधिक दिन लग सकते हैं।

    आई फ्लू के कारण आंखों में ज्यादा दर्द होने पर करें ये उपाय – Home Treatments for Conjunctivitis

    आई फ्लू के कारण आंखो में दर्द होता है और इससे बचने के लिए आप अपनी आंखों को ठंडे पानी से थोड़ी-थोड़ी देर पर धुले। इसके अलावा गुलाब जल से आंख धोने से आंखों का इन्फेक्शन कम हो जाता है और आंखों की गंदगी हट जाती है। किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा बताई गई आई ड्रॉप्स का ही उपयोग करें। मेडिकल स्टोर से लिखी दवाएं न लें। क्योंकि ज्यादातर दुकानें स्टेरॉयड युक्त दवाएं दे रही हैं, जिनसे समस्या बढ़ने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

    आई फ्लू से संक्रमित होने के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखें – What precautions should be taken during eye flu?

    अगर आपकी आंखों में संक्रमण है तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें और इसके बाद बताए अनुसार नियमित दवा लें। साथ ही तौलिए और रूमाल जैसी अपनी चीजें किसी के साथ साझा न करें और आंखों में संक्रमण होने पर चश्मे का प्रयोग करें, भूलकर भी लेंस न पहनें। इंफेक्शन के बाद घर पर ही रहें, बाहर निकलेंगे तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए जो लोग संक्रमित हैं उन्हें स्कूल, कॉलेज या ऑफिस से छुट्टी लेने के लिए कहें।