भारद्वाज व सारस्वा परिवार के शिक्षित दूल्हा-दुल्हन ने बिना दहेज विवाह करके पेश की मिसाल

नापासर टाइम्स। कस्बे के नारसीसर बास में 8 दिसम्बर रात्रि को हुए बिना दहेज के सपन्न हुए विवाह ने समाज मे एक नया संदेश देकर दहेज जैसी कुप्रथा को त्यागने की मिसाल पेश की है,दूल्हे के परिवार ने बिना दहेज 1 रु नारियल लेकर विवाह को संपन्न किया। नापासर नारसीसर बास के हनुमान प्रसाद सारस्वा की पुत्री पूजा एवं श्री डूंगरगढ़ के रीड़ी गांव के सत्यनारायण भारद्वाज के पुत्र गोविंद का विवाह बीती रात को समाज के मोजिज लोगो के समक्ष संपन हुआ,दुल्हन पूजा के चाचा मनमोहन सारस्वा ने बताया कि दोनो ही नव दंपति दुल्हा दुल्हन बीकॉम पढ़े हुए हैं ओर दोनो के परिवार पूर्ण रूप से सम्पन है। दोनो दुल्हा दुल्हन ने निर्णय लिया था की समाज में चल रही दहेज रूपी कुरीति को जड़ से मिटाने के लिए हम भी इस की शुरुआत करते हैं, नव दंपति शिक्षित दुल्हा दुल्हन ने नापासर टाइम्स से विशेष बातचीत में बताया कि दहेज जैसी कुरीतियों को त्यागना जरूरी हो गया है,ये सामाजिक कुप्रथाएं हटाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए, हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हैं मगर इसका मतलब यह नहीं है की इस कुप्रथा को बढ़ावा दे, हम सभी युवा साथियों से निवेदन करते हैं की इस दहेज रूपी राक्षस को खत्म करे और एक निर्णय ले की दहेज ना लेगे ओर ना ही देंगे। क्यों की दहेज की आग में आज भी बहन बेटियों को अपनी जान देनी पड़ती हैं। दहेज एक सामाजिक बुराई के साथ साथ बहुत बड़ा अभिशाप हैं। हम दोनो ने अपनी शादी में एक रुपया नारियल लेकर विवाह करके अपना धर्म निभाया है।