नापासर टाइम्स। कृषि प्रधान क्षेत्र श्रीडूंगरगढ़ के गांव दुलचासर के 8वीं पास किसान किशनलाल सुथार ने राष्ट्रपति भवन में देश का सिरमौर बनकर राष्ट्रपति के हाथों कृषि यंत्र नवाचार में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार हासिल किया है। राष्ट्रपति भवन से सुथार ने टाइम्स को बताया कि 10 अप्रेल को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें सम्मानित किया। राष्ट्रपतिजी ने सुथार द्वारा बनाई गई मूंगफली दाना निकालने की मशीन चलवा कर भी देखी और बधाई देते हुए उनके कार्य की हौसला-अफजाई भी की। पुरस्कार स्वरूप नांगल को पांच लाख रूपए व प्रशस्ति पत्र दिया गया है।
*कठिन प्रतियोगिता में हासिल किया बड़ा पुरस्कार*
राष्ट्रपति भवन में खेती व कृषि यंत्रों में नवाचार के लिए प्रति दो वर्ष से देशभर से विशेष योगदान देने वाले किसानों व कारीगरों को सम्मानित किया जाता है। बेहद कठिन प्रतियोगिता के बाद किशनलाल ने ये विजय हासिल की और इस मुकाम पर पहुंचे है। कार्यक्रम में मंच पर डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान के साथ जुड़े विषयों को इज्जत दी है और डिग्री की प्राथमिकता को समाप्त कर पुरस्कार को हर योग्य स्किलधारी द्वारा नवाचार कर हासिल करने का अवसर दिया। कार्यक्रम में विज्ञान व प्रौद्योगिकी सचिव डॉ चंद्रशेखर सहित विज्ञान व कृषि विभाग की बड़ी विभूतियां मौजूद रही।
*मूंगफली दाना निकालने की मशीन बनाई, 40 प्रतिशत सरकार ने दे रही है सब्सिडी*
करीब 15 साल पहले किशनलाल ने मूंगफली दाना निकालने की मशीन का इनोवेशन किया। सर्वप्रथम मोटर से चलने वाली मशीन बनाई गई। किशनलाल ने बताया कि वह स्वयं किसान है और उनके क्षेत्र में भरपूर मूंगफली होती है। किसानों की परेशानी को देखकर की ही उन्हें यह विचार आया। और इसे किसानों का प्रोत्साहन मिला तो उन्होंने ट्रेक्टर के पीछे लगने वाली बड़ी मशीन ईजाद की। किशनलाल ने बताया कि ये किसानों के लिए इतनी सहायक साबित हुई कि बाजार में इसकी डिमांड बढ़ती गई। वे अब तक 600 मशीनें बाजार में दे चुके है। सरकार ने मशीन की उपयोगिता देखी तो इस मशीन पर किसानों को 40 प्रतिशत की सब्सिडी भी जारी करने की घोषणा तीन साल पहले की गई। संभवतः किशनलाल बीकानेर जिले ही पहले ऐसे किसान है जिन्होंने ये गौरव हासिल किया है।
*सपना सा लग रहा है, जीवन भर के लिए अविस्मरणीय पल रहा- किशनलाल*
किशनलाल ने गद्गद भाव से बताया कि 10 अप्रेल को राष्ट्रपति भवन में उन्हें पुरस्कार दिया गया और आज शाम को वे राष्ट्रपति भवन से विदा होंगे। उन्होंने बताया कि अब भी मुझे यह सपना सा लग रहा है कि पूरे भारत में मेरी बनाई गई मशीन को इतना बड़ा पुरस्कार हासिल हुआ है। किशनलाल ने भरे गले से कहा कि वो पल मेरे जीवन भर के लिए विशेष स्मृति बन गया है जो सदैव मेरे ह्रदय में हर्ष व सम्मान भरता रहेगा।
*पिता को दिया श्रेय*
किशनलाल ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता पुरखाराम सुथार को दिया। किशनलाल ने कहा कि मुझे ये ध्यान ही नहीं था कि ऐसा समारोह होगा और राष्ट्रपति जी मुझे सम्मानित करेगी अन्यथा मैं अपने पिता को जरूर साथ लेकर आता। वे ये देखकर गौरवान्वित होते कि उनके बेटे ने ये सफलता हासिल की है।
*गांव में जश्न का माहौल*
किशनलाल की इस सफलता पर पूरा क्षेत्र आंनदित है और उनके गांव व परिवार में जश्न का माहौल है। हर कोई उन्हें बधाइयां दे रहा है और गांव लौटने पर धूमधाम से उनके स्वागत की तैयारियां की जा रही है।