नापासर टाइम्स। बहनों के मायरे भरने के लिए राजा रजवाड़ों के जमाने से ही नागौर जिला चर्चित रहा है। नागौर के भाई अपनी बहनों के लिए किस हद तक जाकर जिम्मेदारी निभाते है और अपना फर्ज अदा करते हैं, इसका ताजा उदाहरण नागौर जिले के राजोद गांव के दो भाई हैं। नागौर जिले के इन दो भाइयों ने ऐतिहासिक मायरों के इतिहास में अपना नाम भी लिखवा दिया। नागौर जिले की जायल तहसील के राजोद निवासी इस परिवार ने यह मायरा भरा है। मायरा वो प्रथा है, जिसमें बहन के बच्चों की शादी में जाकर भाई अपनी सामर्थ्य के हिसाब से कपड़े, रुपये सोने-चांदी के गहने बहन और उसके परिवार को पहनाता है।
जाट समाज से आने वाले राजोद गांव के सतीश गोदारा और छोटे भाई मुकेश गोदारा ने सोनेली गांव जाकर अपनी बहन संतोष पत्नी मनीष पोटलिया के यह मायरा भरा है। दरअसल सतीश व मुकेश गोदारा के भांजे आकाश की शादी है। नागौर जिले में यह रीति-रिवाज है कि भांजे या भांजी की शादी होने पर ननिहाल पक्ष की तरफ से मायरा लेकर आते हैं। सोनेली में आकाश की शादी है। ऐसे में उसके मामा सतीश व मुकेश गोदारा अपनी बहन और अपने भांजे आकाश की मां संतोष का मायरा भरने पहुंचे, दोनों भाईयों ने ऐसा मायरा भरा कि लोग हैरान रह गए।
दोनों भाईयों ने इस मायरे में 71 लाख रुपए नकद, 41 तोला सोना और 5 किलो चांदी के आभूषण अपनी बहन संतोष को भेंट किए। 500-500 रुपए के नोटों की गड्डियों से थालियां भर गई। मायरे में मौजूद लोगों की इस दौरान आंखें फटी रह गईं। यहीं नहीं, दोनों भाई इतने आभूषण अपनी बहन संतोष के लिए लाए कि देखने वाले हैरान रह गए। महिलाओं के श्रृंगार के कई तरह के आभुषण इसमें शामिल थे।
राजोद गांव से मायरा लेकर पहुंचा बड़ा भाई दिनेश गोदारा ईराक में अमेरिकन एंबेसी में नौकरी कर रहा है। वहीं छोटा भाई मुकेश गोदारा फौज में है। परिवार में दो भाई, एक बहन संतोष और मां गुलाबी देवी हैं। इनके पिता स्व. हजारीराम गोदारा भी भारतीय सेना में थे। लेकिन 20 साल पहले उनका निधन हो गया। मां गुलाबी देवी मायरे में मौजूद रही, जिनकी आंखें खुशी से भर आईं।
गुरुवार को दोनों भाइयों ने आकाश की मां संतोष के मायरा भरा, अब 10 फरवरी, शुक्रवार को भांजे आकाश की बारात चढ़ेगी। वहीं आकाश के पिता मनीष पोटलिया भी ईराक की अमेरिकन एंबेसी में कार्यरत हैं।दोनों भाई जब छोटी आयु में ही थे, तभी पिता के निधन के बाद बड़ी बहन ने मां के साथ मिलकर परिवार को संभाला। बड़ी बहन ने मां के साथ सभी जिम्मेदारियां निभाई। अब जब भाई योग्य हो गये और उन्हें फर्ज निभाने का मौका मिला तो दोनों ने दिल खोलकर मायरा भरा। संतोष के मायरे में 71 लाख रुपए नकद, 41 तोला सोना ओर 5 किलो चांदी के आभूषण तो भेंट किये ही, साथ ही बहन को डॉलर से सज्जित चुनरी भी भाइयों ने ओड़ाई, जो चर्चा का विषय बनी रही।