बीकानेर, 24 नवंबर। विधानसभा आम चुनाव 2023 के तहत 23 नवंबर सायंकाल से 25 नवंबर मतदान समापन तक सूखा दिवस घोषित किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार विधानसभा आम चुनाव 2023 के परिपेक्ष्य में घोषित कार्यक्रम के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-ग के प्रावधानों के तहत सूखा दिवस घोषित किया गया है। इस संबंध में पुनर्मतदान की स्थिति में भी पुनर्मतदान की घोषणा से पुनर्मतदान की तिथि को पुनर्मतदान की समाप्ति तक संबंधित मतदान केंद्रों के क्षेत्र में भी सूखा दिवस घोषित किया गया है। 3 दिसंबर मतगणना दिवस को भी सूखा दिवस घोषित किया गया है।
*साइलेंस पीरियड में करें नियमों की अनुपालना*
जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि साइलेंस पीरियड मतदान समाप्ति तक रैली, जुलूस, सार्वजनिक सभाओं व लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध रहेगा। लोक सुरक्षा हेतु दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों के क्रम में यह आदेश जारी किए गए हैं।
*’वाहनों से मतदाताओं के परिवहन पर रहेगी रोक’*
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक पार्टी एवं उम्मीदवारों द्वारा मतदान समाप्ति के 24 घंटे पूर्व से मतदान समाप्ति तक मतदाताओं को वाहनों से मतदान केद्रों तक लाने और ले जाने पर पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है। साथ ही मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार भी अनुमत नहीं होगा। चुनाव ड्यूटी में लगे पुलिस अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति मतदान के दिन मतदान केंद्र से 200 मीटर की परिधि के अंदर मोबाइल फोन, सेल फोन या वायरलेस का उपयोग नहीं करेगा। चुनाव परिणाम के बाद विजय जुलूस पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
मतदान दिवस के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के क्षेत्र में कोई राजनीतिक पार्टी, उम्मीदवार, व्यक्ति किसी भी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ, रासायनिक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र अस्त्र जैसे रिवाल्वर पिस्टल इत्यादि व छुरी, चाकू जैसे धारदार हथियार लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि यह आदेश सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस, सिविल पुलिस होमगार्ड, सिक्योरिटी वाले व्यक्ति और कानून और व्यवस्था के संबंध में अपने पास हथियार रखने के लिए अधिकृत किए गए राज्य और केंद्र सरकार कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। सिख समुदाय के व्यक्तियों को भी धार्मिक परंपरा के अनुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट दी गई है। आदेशों की अवहेलना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय होगी।
*थियेटर, टेलीविजन आदि से भी प्रचार पर रोक*
इस दौरान सार्वजनिक सभा, जुलूस के साथ चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधनों द्वारा जनता के समक्ष किसी भी निर्वाचन संबंधी प्रदर्शन किए जाने की गतिविधि प्रतिबंधित रहेगी। लाउडस्पीकर का उपयोग करने की भी अनुमति नहीं दी गई है।
भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि इस समयावधि में कोई भी राजनैतिक व्यक्ति, जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में नहीं ठहर सकता। राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनैतिक व्यक्ति यदि सम्बंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा।
*बाहरी व्यक्तियों पर रखी जा रही है नजर*
जिला निर्वाचन अधिकारी कलाल ने बताया कि समस्त सामुदायिक केन्द्रों, धर्मशालाओं, गेस्ट हाउस, लॉज तथा होटलों में ठहरने वाले व्यक्तियों की निगरानी व सत्यापन किया जा रहा है। बाहर से आने वाले वाहनों पर भी नजर रखी जा रही है।
*इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार चौनलों पर राजनीतिक विज्ञापन, अपील पर रहेगी रोक*
*बल्क एसएमएस, आईवीआरएस, ओबीडी कॉल्स पर भी रोक*
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126(1) बी के तहत 25 नवंबर को 6 बजे तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार चौनलों पर किसी प्रत्याशी अथवा राजनीतिक दल द्वारा किसी भी प्रकार कि राजनीतिक विज्ञापन तथा चुनाव प्रचार से जुड़ी अपील का प्रसारण नहीं किया जा सकता है। बल्क एसएमएस, आईवीआरएस एवं ओबीडी कॉल्स पर रोक है। 30 नवंबर सायं 6.30 बजे तक एग्जिट पोल पर भी हर प्रकार के प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और अन्य प्रकारों से प्रकाशन पर रोक रहेगी।