जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल ‘पुकार’ को मिला स्कॉच सिल्वर अवॉर्ड,सीएमएचओ डॉ. अबरार ने ग्रहण किया पुरस्कार

बीकानेर, 13 जुलाई। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए नवाचार ‘पुकार’ अभियान को स्कॉच अवार्ड 2023 में जिला प्रशासन श्रेणी में सिल्वर अवार्ड से नवाजा गया है। शनिवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने नई दिल्ली में यह अवार्ड प्राप्त किया। स्कॉच अवार्ड ग्रुप के चेयरमैन समीर कोचर और
वाइस चेयरमैन डॉ. गुरुशरण धंजल ने प्रदान किया। इस दौरान निदेशक (आरसीएच) लोकेश चतुर्वेदी और बीकानेर के डीपीएम सुशील कुमार भी मौजूद रहे।
जिला प्रशासन द्वारा सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य और समावेशी विकास हेतु जिला कलेक्टर द्वारा किए गए अन्य नवाचारों को चार श्रेणियों में आर्डर ऑफ मेरिट में सेमीफाइनस्ट के रूप में स्थान मिला। इनमें सजग आंगनबाड़ी अभियान, डिजिटल एजुकेशन के लिए डीआईक्यूई, झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का सम्मानित पुनर्वास तथा पुकार अभियान शामिल हैं।
*पुकार अभियान ने दिखाई एनीमिया मुक्त बीकाणा की राह*
जिले में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और एनीमिया मुक्त बीकाणा की दिशा में चलाए गए पुकार अभियान को आर्डर ऑफ मेरिट सेमीफाइनलिस्ट के साथ-साथ जिला प्रशासन श्रेणी में सिल्वर अवार्ड के लिए चुना गया। पुकार अभियान के तहत स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशाला का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2003 से स्कॉच ग्रुप द्वारा दिए जाने वाले इस अवार्ड में देश के विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों, संस्थाओं तथा गुड गवर्नेंस के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए गए नवाचारों को भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया जाता है।
*अब तक लगी 41 हजार से ज्यादा पाठशालाएं*
पुकार अभियान के तहत 6 अप्रैल 2022 से अब तक जिले भर में मातृ शिशु 41 हजार 660 मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशालाएं आयोजित हो चुकी हैं। जिनमें 5,81,584 महिलाओं, गर्भवतियों व किशोरियों से संवाद हुआ है। इन बैठकों में 17,81,544 आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट का वितरण किया जा चुका है, जो एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के अंतर्गत कीर्तिमान बन रहा है।
*क्या है ‘पुकार’*
गर्भधारण से लेकर बच्चे के दो वर्ष के होने तक के लगभग एक हजार दिन के दौरान जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की सुरक्षा हो, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को बेहतर पोषण व एनीमिया से मुक्ति मिले जैसे उद्देश्यों के साथ जिले में ‘पुकार’ अभियान प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत प्रत्येक बुधवार को जिले की 366 ग्राम पंचायतों और 4 नगरीय निकायों के 190 वार्डों में से जिले में लगभग 500 स्थानों पर मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशालाएँ जाजम बैठकों के रूप में आयोजित होती रही।
*पुकार एक साइलेंट रिवॉल्यूशन, बड़े बदलावों का आधार हो रहा तैयार*
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अबरार ने बताया कि पुकार कार्यक्रम एक साइलेंट रिवॉल्यूशन की तरह स्वास्थ्य सूचकांकों में बड़े बदलाव की आधारशिला तैयार कर रहा है। अभियान के आए प्रारम्भिक परिणाम देखें तो प्रसव पूर्व जांच यानी कि एएनसी पंजीकरण में 21 प्रतिशत उछाल आया है। महिलाओं में जागरुकता आने से 28 प्रतिशत ज्यादा एएनसी पंजीकरण 12 सप्ताह में होने लगा है। इसी प्रकार 4 एएनसी चेकअप करवाने वाली गर्भवतियों की संख्या 25 प्रतिशत की दर से बढ़ गई है। इस दौरान संस्थागत प्रसव बढ़ने से घरेलू प्रसव 542 से गिर कर 158 रह गए है। मातृ मृत्यु गत वर्ष की तुलना में पचास प्रतिशत कम हुई। गर्भवती व धात्री महिलाओं में खून की कमी के मामले में भी कमी आई है।