गुरुवार और चतुर्थी का योग 28 मार्च को:गणेश जी के साथ ही भगवान विष्णु और गुरु ग्रह की पूजा का शुभ दिन, चने की दाल का करें दान

    गुरुवार, 28 मार्च को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इसे संकष्टी चतुर्थी व्रत कहते हैं। ये व्रत घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से किया जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है और दिन भर निराहार रहकर व्रत किया जाता है। शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र को अर्घ्य देकर व्रत पूरा होता है, इसके बाद महिलाएं खाना खाती हैं।

    उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, गुरुवार और चतुर्थी के योग में गणेश जी के साथ ही भगवान विष्णु और गुरु ग्रह की विशेष पूजा करने का शुभ योग है। जानिए इस दिन कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

    *गणेश जी के लिए ऐसे कर सकते हैं व्रत*

    चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके बाद गणेश जी की पूजा करें। जल, दूध, पंचामृत और फिर जल से भगवान को स्नान कराएं। नए वस्त्रों से और फूल से गणेश जी का श्रृंगार करें। कुमकुम, चंदन, चावल, दूर्वा, अबीर, गुलाल आदि पूजन सामग्री अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। गणेश जी के मंत्र श्री गणेशाय नम: का जप करें।

    जो लोग चतुर्थी व्रत करते हैं, उन्हें दिनभर निराहार रहना चाहिए। अगर भूखे रहना मुश्किल हो तो फलाहार और फलों का सेवन सकते हैं। दूध और फलों का रस पी सकते हैं। शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र को अर्घ्य अर्पित करें। गणेश जी की पूजा करें। इस तरह ये व्रत पूरा होता है। इसके बाद खाना खा सकते हैं।

    *भगवान विष्णु का करें अभिषेक*

    गुरुवार को विष्णु जी की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस दिन गणेश पूजा के बाद विष्णु जी और महालक्ष्मी का अभिषेक करें। दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और भगवान को स्नान कराएं। दूध के बाद शुद्ध जल से अभिषेक करें। हार-फूल और नए वस्त्रों से भगवान का श्रृंगार करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।

    *शिवलिंग रूप में की जाती है गुरु ग्रह की पूजा*

    ज्योतिष में गुरु ग्रह यानी बृहस्पति को गुरुवार का कारक ग्रह माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह से संबंधित दोष हैं, उन्हें गुरुवार को गुरु ग्रह की पूजा करनी चाहिए। गुरु ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। इसलिए गुरुवार को शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाएं। पीले फूलों से शिवलिंग का श्रृंगार का करें। धूप-दीप जलाएं। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।