बीस लाख रुपए के नकली नोट का मामला: हवाला के रुपयों की गड्डियों के बीच में चलाना चाहते थे नकली नोट, तीसरे प्रयास में पकड़े गए पांच युवक

नापासर टाइम्स। बीकानेर के लूणकरनसर में बीस लाख रुपए के नकली नोट पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है। अब तक कि जांच में सामने आया है कि ये नकली नोट बाजार में चलाने के बजाय हवालों के करोड़ों रुपयों की गड्डियों के बीच में फंसाने के काम आते थे।

ऐसे में ये भी स्पष्ट हो रहा है कि जो लोग हवाले से रुपए ले रहे हैं, उसमें बड़ी मात्रा में नकली नोट फंसे होते हैं।

इस मामले की छानबीन कर रहे सीओ सिटी दीपचंद ने बताया कि बीस लाख रुपए के नकली नोट के साथ एक युवक को सीओ लूणकरनसर नोपाराम ने गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद चार और युवकों को गिरफ्तार किया गया। जिसमें तीन लूणकरनसर और एक कालू का रहने वाला युवक है। एक युवक पहले भी अवैध रूप से मनी ट्रांसफर के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पूछताछ में किसी तरह की प्रिंटिंग मशीन नहीं मिली है। ना ही छपाई से जुड़े कोई अन्य साक्ष्य मिले हैं।

पुरानी गैंग के सदस्य !

माना जा रहा है कि बीकानेर में करीब साल भर पहले गिरफ्तार नकली नोट गैंग के ही सदस्य हैं। तब करीब दो करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए गए थे। संभव है कि तब ये बीस लाख रुपए पकड़ में नहीं आए। जिन्हें गैंग अब हवाला में खपाने की कोशिश में लगी थी, जिसमें सफलता नहीं मिली।

तीसरा प्रयास था

सीओ सिटी ने बताया कि गिरफ्तार युवक बीस लाख रुपए के नोट खपाने के लिए दो प्रयास पहले भी कर चुके हैं। ये ऐसे हवाला कारोबारी को ढूंढ रहे हैं, जो नकली नोट को हवाला के नोटों में खपा सके। दरअसल, ये नकली नोट बीस से पचास प्रतिशत कीमत पर बिक जाते हैं। बीकानेर में पुलिस की सख्ती के चलते दो बार पहले भी प्रयास कर चुके लेकिन सफलता नहीं मिली। ये तीसरा मौका था और लूणकरनसर पुलिस ने इनको दबोच लिया।

पहले भी बड़ी कार्रवाई

इससे पहले बीकानेर पुलिस ने आईजी ओम प्रकाश निर्देशन में करीब डेढ़ करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए थे। तब बीकानेर जयपुर रोड पर स्थित एक कॉलोनी के घर से रुपए छापने की मशीन तक बरामद की गई। ये प्रिंटर वैसे तो सामान्य ऑफिस में काम आने वाला प्रिंटर था, लेकिन गैंग के सदस्य इस पर नोट छाप रहे थे। इस गैंग का एक सरगना नोखा का रहने वाला था।

अब तक गिरफ्तार

प्रदीप सारस्वत, संदीप कुमार उर्फ सोनी, रामनिवास, राहुल को गिरफ्तार किया गया है। इसमें राहुल पर आरोप है कि उसने मनी ट्रांसफर का काम किया हुआ है। इसी से लिंक मिला कि नकली नोटों की सेटिंग हो सकती है। कम समय में ज्यादा कमाने के चक्कर में ये युवक इस केस में फंसे है।