नापासर टाइम्स। मानसून अब रौद्र रूप दिखा रहा है और बारिश राहत की बजाय आफत बनने लगी है। खासतौर पर गुरूवार को बीकानेर में जमकर बरसे मेघों ने शहर से गांव तक पानी-पानी कर दिया। देशनोक में दोपहर 2 बजे शुरू हुई बारिश अभी तक जारी है। नापासर में भी जमकर बरसात हो रही है।
कोलायत में तालाब के बाद मंदिर की सीढ़ियां डूब चुकी है। हर ओर पानी नजर आ रहा है। इन सबके बीच गुरूवार दोपहर को शुरू हुई मूसलाधार पर बारिश ने कुछ ही देर मंे पूरे कस्बे को पानी-पानी कर दिया। हालात यह हो गई कि झझू चौराहे से रेलवे अंडर ब्रिज की तरफ नदी की तरह पानी पहले लगा। रेलवे अंडरब्रिज में एक ट्रक रूक गया। देखते ही देखते यहां इतना पानी भर गया कि ट्रक उसमंे पूरी तरह डूब गया। गनीमत यह रही कि इसमें सवार पहले ही बाहर निकल गया।
दूसरी ओर कोलायत के पास झझू और चक विजयसिंह पुरा में भी जमकर बारिश हो रही है। ऐसे में डर सता रहा है कि अगर झझू का नाला इस बार भी नदी का रूप लेकर कोलायत की तरफ आ गया तो हालात बहुत विकट हो सकते हैं। जब भी यह नाला बहता है कोलायत की निचली बस्तियां डूब जाती है। पूरे कस्बे मंे पानी पसर जाता है और अत्यधिक नुकसान होता है। अब तक झझू, मढ़, कोटडी, चानी, भोलासर, टेचरी फांटा आदि गांवों में तेज बारिश के समाचार है।
बीकानेर रेलवे स्टेशन पर पटरियाँ डूबी, प्लेटफार्म के बराबर पानी :
बीकानेर रेलवे स्टेशन पर पटरियों के ऊपर लगभग तीन फीट पानी भर गया। खासतौर पर प्लेटफार्म संख्या 04-05 के पास पटरियाँ इस कदर डूबी कि प्लेटफार्म के बराबर पानी भर गया। यहाँ आने-जाने वाली ट्रेनों को दूसरे प्लेटफार्म पर शिफ्ट करने की घोषणाएँ होती रही।
कोटगेट पर नदी चली, निचली बस्तियां डूबी:
बीकानेर शहर मंे भी लगभग साढ़े चार बजे हलकी बौछारें शुरू हुई तो कुछ ही देर में मूसलाधार में बदल गई है। कोटगेट के आगे सड़क एक बार फिर नदी बन गई। नयाकुआं और जोशीवाड़ा दो हिस्सों से बहते आये पानी का बहाव इतना तेज था कि इसमें गाड़िया गिरती, बहती दिखी।
एक बार फिर इस इलाके के लोगों ने आपदा राहत का काम अपने हाथों में लिया। गेट आगे युवकों की एक टीम चैन बनाकर खड़ी हो गई। किसी को बहने, डूबने या गिरने से बचाने के लिए ये युवक लगभग एक घंटे तक यहां खड़े रहे। बारिश बंद होने और पानी उतरने के बाद भी यहां से हटे। गेट से बाहर निकलकर केईएम रोड की ओर से बहते हुए पानी का बहाव और तेज हो गया। वजह, इसमें सट्टा बाजार और सांखला फाटक की तरफ से भी पानी आ मिला।