मानसून की विदाई के बाद राजस्थान में मौसम का मिजाज बदला, दिन में गर्मी रात में सर्दी

नापासर टाइम्स। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 30 सितंबर को कहा कि चार महीने का मानसून सीजन भारत में “सामान्य” वर्षा के साथ समाप्त हो गया है। दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 94 प्रतिशत से 106 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है।

IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अल नीनो के प्रभाव का मुकाबला करने वाले सकारात्मक कारकों के साथ, 2023 का मानसून 94.4 प्रतिशत संचयी वर्षा के साथ समाप्त हुआ, जिसे “सामान्य” माना जाता है। आईएमडी ने कहा कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य 1,367.3 मिमी की तुलना में 1,115 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 18 प्रतिशत की कमी है।

*राजस्थान में सामान्य से 15% अधिक बारिश*

राजस्थान में मानसून के प्रवेश की निर्धारित तिथि 25 जून थी। इस तिथि के अनुसार, मानसून ने राजस्थान में प्रवेश कर लिया। मानसून के प्रवेश के साथ ही प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लंबे समय तक बारिश का दौर चला। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मानसून के दौरान प्रदेश में 500 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 15% अधिक है। साथ ही, पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर संभागों में औसत से 42% अधिक बारिश दर्ज की गई।

*अगले कुछ दिन बारिश नहीं होने की संभावना*

जयपुर में अगले कुछ दिन बारिश नहीं होने की संभावना है। दिन में गर्मी और रात-सुबह में ठंडी हवाओं के कारण यह स्थिति बनी हुई है। ऐसी स्थिति में बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है। दिन में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि रात में तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

*पूर्वी राजस्थान में सामान्य से कम रही बारिश*

पूर्वी राजस्थान में मानसून की बारिश सामान्य से कम रही है। राज्य में इस साल सामान्य बारिश 622mm रिकार्ड की गई, जो औसत से एक प्रतिशत कम है। दक्षिण पूर्व राजस्थान के जिले में औसत से कम बारिश दर्ज की गई, जबकि बाकी जिलों में औसत या औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई।

बांरा जिले में मानसून के दौरान सबसे कम बारिश हुई, जो औसत से 38% कम है। बांरा के बाद, बारां और झालावाड़ जिलों में भी औसत से कम बारिश हुई।

मानसून की कम बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है। राज्य सरकार को किसानों को राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए।

*राजस्थान के पश्चिमी जिलों में खूब हुई बारिश*

राजस्थान के पश्चिमी जिलों में मानसून इस बार जमकर बरसा है। राज्य के 10 पश्चिमी जिलों में से केवल हनुमानगढ़ में सामान्य से 8 फीसदी कम बारिश हुई है। शेष 9 जिलों में बारिश सामान्य से ज्यादा हुई है।

श्रीगंगानगर में 161.1 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 26.6 फीसदी ज्यादा है। बीकानेर में 149.9 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 22.5 फीसदी ज्यादा है। चूरू में 139.6 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 20.4 फीसदी ज्यादा है। बाड़मेर में 123.2 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 17.3 फीसदी ज्यादा है।

जोधपुर में 117.1 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 14.2 फीसदी ज्यादा है। नागौर में 103.8 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 11.2 फीसदी ज्यादा है। पाली में 99.6 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 8.8 फीसदी ज्यादा है। जालौर में 96.1 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 7.4 फीसदी ज्यादा है। जैसलमेर में 92.7 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 6.1 फीसदी ज्यादा है।

मानसून की अच्छी बारिश से पश्चिमी राजस्थान के किसानों के चेहरे पर खुशी है। बारिश से फसलों को भरपूर पानी मिल रहा है। इससे किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद है।

*राजस्थान से मानसून की विदाई, सर्दी-जुकाम का खतरा*

राजस्थान से मानसून की विदाई का समय आ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 1-2 दिनों में प्रदेश के सभी हिस्सों से दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई हो जाएगी। ऐसे में मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा।

मानसून की विदाई के साथ ही मौसम का मिजाज भी बदलने लगेगा। सुबह-शाम के समय ठंडक बढ़ने लगेगी। इस दौरान सर्दी-जुकाम, बुखार के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

सर्दी-जुकाम से बचने के उपाय
गर्म कपड़े पहनें।

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
धूल-मिट्टी से बचें।

अपने हाथों को बार-बार धोएं।
बीमार व्यक्ति से दूर रहें।

*सावधानी बरतने से बच सकते हैं संक्रमण से*

थोड़ी सी सावधानी बरतने से हम संक्रमण से बच सकते हैं। इसके लिए हमें ऊपर बताए गए उपायों का पालन करना चाहिए। साथ ही, अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।

*मौसम का पूर्वानुमान*

मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी दिनों में राजस्थान में मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा। हालांकि, 12 और 13 अक्टूबर को कुछ जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके बाद मौसम पूरी तरह से शुष्क हो जाएगा।