नापासर टाइम्स। राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी का सितम रविवार को भी जारी रहा. श्रीगंगानगर और अंता बारां में पारा 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी. राज्य के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है और मौसम केंद्र के अनुसार इसके आगे भी जारी रहने की संभावना है. इस दौरान कई इलाकों में लू चलने की चेतावनी जारी की गई है.
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार रविवार को दिन में अधिकतम तापमान श्रीगंगानगर और अंता बारां में 46.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा, आज अधिकतम तापमान चूरू में 46.6 डिग्री, धौलपुर और जालौर में 46.5 डिग्री, कोटा में 46.2 डिग्री, पिलानी और करौली में 46.1 डिग्री, राजधानी जयपुर में 45.9 डिग्री, बाड़मेर और फलोदी में 45.8 डिग्री, जोधपुर में 45.6 डिग्री, जैसलमेर में 45.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
*लगातार बढ़ रहा तापमान, सूनी हो रही सड़कें*
विभाग के अनुसार राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीती रात का तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस से लेकर 26 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. पिछले कुछ दिन की भीषण गर्मी से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है. गांवों-शहरों में दोपहर में सड़कें सूनी हो जाती हैं. लोग बेहद जरूरी काम के लिए ही बाहर निकल रहे हैं.
*लू-तापघात से बचाव के लिये ये सावधानियां बरतें*
कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें.
सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें.
बिना भोजन किये बाहर न निकलें. भोजन करके और पानी पी कर ही बाहर निकलें.
बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा जरूरी होने पर ही करें.
गर्मी में हमेशा पानी और पेय पदार्थो जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, जूस आदि का प्रयोग करते रहें.
गर्दन के पिछले भाग कान और सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें. रंगीन चश्में और छतरी का प्रयोग करें.
अकाल राहत कार्यों पर अथवा श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया और पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जाए, जिससे श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर आराम कर सकें.
*लू तापघात के लक्षण*
सिर का भारीपन व सिरदर्द.
अधिक प्यास लगाना और शरीर में भारीपन के साथ थकावट.
जी मिचलाना, सिर चकराना और शरीर का तापमान बढ़ना. (105 एफ या अधिक)
पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना और त्वचा का सूखा होना.
अत्यधिक प्यास का लगना और बेहोशी जैसी हालात का होना.
*क्या है लू और तापघात?*
डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि लू तापघात के लक्षण सॉल्ट और पानी की आवश्यकता और अनुपात विकृति के कारण होती है. मस्तिष्क का एक केंद्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है. लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिनियों में टूट जाती हैं और कोशिकाओं में जो पोटेशियम सॉल्ट होता है, वह रक्त संचार में आ जाता है. जिससे ह्रदय गति, शरीर के अन्य अंग और अवयव प्रभावित होकर लू तापघात के रोगी को मौत के मुंह में धकेल देते हैं.
*लू से प्रभावितों का ऐसे करें प्राथमिक उपचार*
सीएमएचओ डॉ. तंवर ने बताया कि लू तापघात से प्रभावित रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दें और हवा करें. व्यक्ति को तुरंत ठंडा पानी, ओआरएस, नींबू पानी, नारियल पानी, कच्चे आम का पना जैसे पेय पदार्थ पिलाएं. पानी और बर्फ से शरीर को ठंडा करने का प्रयास करें और फिर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं.
*गर्मी को लेकर कलेक्टर की अपील*
तापमान में लगातार जारी उछाल और तेज गर्मी को देखते हुए बीकानेर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि द्वारा आमजन से बचाव रखने की अपील की गई है. विशेषकर बच्चों, बूढ़ों, गर्भवतियों और बीमार व्यक्तियों द्वारा एहतियात बरतने पर जोर दिया है. जिला कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि जहां तक संभव हो धूप में न निकलें, निकलें तो शरीर पूरी तरह से ढका हो. सफेद या हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़ों का उपयोग करें.
इन्हे प्रात: 10 बजे से सांय 6 बजें तक तेज गर्मी से बचाने हेतु छायादार ठंडे स्थान पर रहने का प्रयास करें. लू के लक्षण दिखने पर तुरंत प्राथमिक उपचार करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं.
जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहित सिंह तंवर को सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने और चिकित्सकों-मैदानी कार्यकर्ताओं को अलर्ट करने के निर्देश दिए. इसकी पालना में डॉ. तंवर ने लू से प्रभावितों को तुरंत राहत देने के लिए पहले की तैयारियों के निर्देश दोहराए हैं. उन्होंने सभी अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों के लिए गाइडलाइन अनुसार बैड आरक्षित रखते हुए वहां कूलर और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट और आवश्यक दवाईयां रखने के निर्देश दिए हैं.