Sankashti Chaturthi 2023: भाद्रपद मास की संकष्टी चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

नापासर टाइम्स। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का अपना एक विशेष महत्व होता है. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश का पूजन करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस बार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि, 3 सितंबर यानी आज मनाई जा रही है. इसे हेरंब संकष्टी चतुर्थी और महा स्कंद हर चतुर्थी भी कहते हैं.

हर माह में दो चतुर्थी आती है. पहली संकष्टी और दूसरी विनायक चतुर्थी. संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष में आती है और विनायक चतुर्थी शुक्ल पक्ष में आती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से और भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है.

*संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त*

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि 02 सितंबर यानी कल रात 08 बजकर 49 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन 3 सिंतबर यानी आज शाम 06 बजकर 24 मिनट पर होगा. गणपति की पूजा का मुहूर्त- सुबह 07 बजकर 35 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. शाम को 06 बजकर 41 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र दर्शन का समय रात 08 बजकर 57 मिनट है.

*संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि*

सुबह उठ कर सबसे पहले स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र पहन लें. फल, फूल, धूप-दीप, दूर्वा, चंदन आदि से भगवान गणेश की विधि पूर्वक पूजा करें. भगवान गणेश को पीला पुष्प दूर्वा और मोदक अति प्रिय है इसलिए पूजा में उन्हें पीले पुष्प, दूर्वा और मोदक अवश्य भेंट करें. पूजा के समय गणेश चालीसा का पाठ और मंत्र जाप जरुर करें. अंत में आरती और प्रदक्षिणा कर भगवान गणेश से सुख, शांति और धन प्राप्ति की कामना करें. दिन भर उपवास रखें. शाम में आरती-अर्चना के बाद फलाहार करें.

*संकष्टी चतुर्थी का महत्व*

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश की आराधना करने के लिए विशेष दिन माना गया है. यह दिन भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में ज्यादा धूम-धाम से मनाया जाता है. संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं.