नापासर टाइम्स।सावन विनायक चतुर्थी का व्रत 20 अगस्त यानी आज रखा जा रहा है. गणेश चतुर्थी हर मास की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. श्रावण मास की विनायक चतुर्थी को व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से उपासक को गणपति से विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसका घर धन-धान्य से भर जाता है.
*पूजा का शुभ मुहूर्त*
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास के अनुसार, सावन विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:06 मिनट से प्रारंभ होगा और यह शुभ समय दोपहर 01:43 मिनट तक रहेगा. ऐसे में विनायक चतुर्थी पर ढाई घंटे से अधिक पूजा के लिए शुभ समय मिल रहा है.
*चंद्रोदय का समय*
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि विनायक चतुर्थी वाले दिन चंद्रमा नहीं देखने का विधान है क्योंकि इससे कलंक लगने की आशंका रहती है. इस दिन चंद्रोदय सुबह 09:03 मिनट पर होगा और चंद्रास्त का समय रात 09:09 मिनट पर है. विनायक चतुर्थी वाले दिन चंद्रमा करीब 12 घंटे तक दिखाई देगा.
*आज बन रहे 5 शुभ संयोग*
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार सावन विनायक चतुर्थी पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. 20 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, रवि योग, साध्य योग और शुभ योग बनेंगे. इन 5 शुभ योगों में सावन विनायक चतुर्थी पड़ रही है. साध्य योग प्रातः काल से लेकर रात 09:59 मिनट तक है. इसके बाद साध्य योग प्रारंभ हो रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग सुबह 05:53 मिनट से शुरू होगा और यह सोमवार 21 अगस्त को सुबह 04:22 मिनट तक रहेगा. पूरे दिन हस्त नक्षत्र होगा.
*विनायक चतुर्थी की पूजा विधि*
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन सुबह जल्दी स्नान करें और व्रत संकल्प लें. उसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर विराजित करें. फिर भगवान गणेश को रोली, मौली, जनेऊ, चंदन, पंचमेवा, पंचामृत, चालव, फूल, दूर्वा चढ़ाएं. भगवान विघ्नहर्ता गणेश को मोतीचूर के लड्डू, मोदक अर्पित करें. बाद में भगवान गणेशजी के मंत्र का जाप करें और उनकी आरती करें. साथ ही पूजा संपन्न होने के बाद भोग को प्रसाद के रूप में सभी को बांट दें.