नापासर टाइम्स। 18 अक्टूबर को मंगलवार और पुष्य नक्षत्र का योग होने से मंगल पुष्य रहेगा। ये खरीदारी का शुभ योग है। इस दिन की गई पूजा अक्षय पुण्य देने वाली मानी गई है। मंगलवार को हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक मंगल पुष्य के दिन मंगल ग्रह के लिए विशेष पूजा जरूर करनी चाहिए। हर मंगलवार को मंगल के जन्म स्थान उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर और अंगारेश्वर महादेव मंदिर में काफी अधिक भक्त मंगल की पूजा करने पहुंचते हैं। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित दोष हैं, उनके लिए ये एक शुभ अवसर है।
*शिवलिंग रूप में की जाती है मंगल की पूजा*
मंगल ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। मंगल ग्रह को लाल चीजें खासतौर पर चढ़ाते हैं – जैसे लाल वस्त्र, लाल गुलाल, लाल फूल, लाल मसूर आदि। इस ग्रह की पूजा में मंगल के मंत्र ऊँ अं अंगारकाय नम: का जप करना चाहिए।
ज्योतिष में मंगल को ग्रहों का सेनापति माना गया है। ये ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है। कुंडली में इस ग्रह की स्थिति सही न हो तो व्यक्ति में आत्मविश्वास, साहस की कमी रहती है। इसके अलावा पारिवारिक रिश्तों में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मंगल पुष्य के दिन की गई मंगल पूजा से इन समस्याओं का असर कम हो सकता है।
*मंगल के लिए की जाती है भात पूजा*
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर और अंगारेश्वर महादेव मंदिर में मंगल की ग्रह भात पूजा की जाती है। इस पूजा में पके हुए चावल से शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है और विधिवत पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस पूजा से कुंडली के मंगल दोष शांत हो जाते हैं।
*मंगल पुष्य पर कौन-कौन सी चीजें खरीद सकते हैं*
आमतौर पर मंगल पुष्य के दिन सोना-चांदी, वाहन, बर्तन, घर के लिए अन्य जरूरी चीजें, कपड़े आदि खरीदने की परंपरा है। इनके साथ ही इस दिन नए घर के लिए बुकिंग की जा सकती है।
इस दिन दान-पुण्य करने का भी महत्व काफी अधिक है। जरूरतमंद लोगों को अपनी शक्ति के अनुसार अनाज, धन, कपड़े, जूते-चप्पल आदि चीजों का दान जरूर करें।