नापासर टाइम्स। अब आठ दिन में पुष्य नक्षत्र और अन्य विशेष योग दीपोत्सव पर खरीदारी के लिए खास होंगे। ज्योतिषविदों के मुताबिक धनतेरस तक हर दिन शुभ योग रहेगा। इनमें दो दिन पुष्य, तीन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। इसके अलावा रवि, अमृतसिद्धि सिद्धि व शिव योग भी रहेंगे। ये योग खरीदारी के साथ नए कार्य और धार्मिक अनुष्ठान आदि के लिए मंगलकारी हैं। 18 व 19 अक्टूबर को पुष्प नक्षत्र योग है।
पुष्य नक्षत्र को मानते हैं सबका राजा : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ज्योतिष शास्त्र के 27 नक्षत्रों में से पुष्य को राजा माना जाता है। मंगलवारी पुष्य व बुध पुष्य दोनों ही उन्नति व नया काम शुरू करने के लिए श्रेष्ठ दिन है। इस बार दीपावली से पहले जो दो पुष्य का संयोग बन रहा है, वैसा संयोग इससे पहले 1997 में बना था। इस दिन शनि प्रधान लोग जमीन व भवन खरीद सकते हैं। शुक्र देव प्रधान लोग आभूषण खरीद सकते हैं।
शुभ कार्यों के लिए लाभदायक हैं ये योग
• 16 अक्टूबर रवि और बुधादित्य योग बनेगा। इस दिन खरीदारी लाभदायी रहेगी।
• 17 अक्टूबरः अहोई अष्टमी रहेगी। सिद्ध, धूम्र व शिव योग रहेगा।
• 18 अक्टूबर सुबह 5:12 से अगले दिन सुबह 8:02 बजे तक मंगल पुष्य नक्षत्र
• 19 अक्टूबर सुबह 8:02 बजे तक मंगल पुष्य नक्षत्र
• 20 अक्टूबर अश्लेषा नक्षत्र, शुभ
• 21 अक्टूबरः रमा एकादशी रहेगी। दिन सिद्ध और शश के साथ सर्वार्थ रहेगा।
• 22 अक्टूबर : धनतेरस रहेगी।
• 23 अक्टूबर इस दिन भी प्रदोष व्यापिनी तेरस है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, सर्वार्थ अमृतसिद्धि योग रहेगा।
24 अक्टूबर को दीपावली सोमवार योग में खरीदी शुभ रहेगी। के दिन होने से केदार योग और हस्त, चित्रा नक्षत्र व अबूझ मुहूर्त रहेगा
*चारों प्रमुख ग्रह स्वयं की राशि में रहेंगे, मिलेगी समृद्धि*
पुष्य नक्षत्र के विशेष संयोग के दिन सौम्य ग्रह शुक्र देव स्वयं की तुला राशि मैं रहेंगे। मन के स्वामी चंद्रमा खुद की कर्क राशि में रहेंगे और तकनीकी व इलेक्ट्रॉनिक तथा भूमि के स्वामी शनि देव मकर राशि में रहेंगे। सुख फलदायी देवगुरु बृहस्पति स्वयं की मीन राशि में विद्यमान रहेंगे। चारों प्रमुख ग्रहों का खुद की राशि में रहने से यह दिन सभी तरह की सुख-सुविधा देने वाला रहेगा।
*25 को ग्रहण होने से एक दिन आगे खिसकी गोवर्धन पूजा*
इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को दिखाई देगा। 24 अक्टूबर को दीपावली है और उसके दूसरे दिन 25 अक्टूबर को ही गोवर्धन पूजा व मंदिरों में अन्नकूट के भोग लगाने की परंपरा निभाई जानी थी। शहर के ज्योतिषाचार्यों व पंडितों के अनुसार एक सदी बाद ये संयोग बना हैं कि सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा व मंदिरों में अन्नकूट का भोग की परंपरा अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को निभाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य पं. हरिकृष्ण दाधीच ने बताया कि इस बार सूर्य ग्रहणग्रस्तात होगा, जिसके चलते उसकी शुद्धि अगले दिन सूर्योदय के बाद होगी। सूर्यास्त का समय शाम 5.48 बजे का है, जबकि ग्रहण मोक्ष का समय शाम 6.25 बजे का। ऐसे में सूर्यग्रहण ग्रस्तांत रहेगा। अस्तात ग्रहण की शुद्धि दूसरे दिन यानी 26 अक्टूबर की सुबह 6.41 बजे सूर्योदय के साथ मान्य होगी। चूंकि ग्रहण को लेकर सूतक 25 अक्टूबर की सुबह 4.23 बजे से शुरू होगा। ऐसे में दीपावली पूजन आदि में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।
सूतक का समय ग्रहण सूतक 25 अक्टूबर सुबह 4.25 बजे से (सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण समय से ठीक 12 घंटे पहले लगता है)
सूर्य ग्रहण का समय ग्रहण स्पर्श 25 अक्टूबर दोपहर 4.23 बजे ग्रहण मध्य- 25 अक्टूबर शाम 5.28 बजे ग्रहण मोक्ष- 25 अक्टूबर शाम 6.25 बजे सूर्यास्त- 25 अक्टूबर शाम 5.48 बजे
*कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी*
ज्योतिषाचार्य पं. हरिकृष्ण दाधीच ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी होगा। एक माह में दो ग्रहण शास्त्रानुसार शुभ नहीं माने जाते। जिन देशों व क्षेत्रों में दोनों ग्रहण दिखाई देंगे, वहां प्राकृतिक आपदा, भूकंप व उपद्रव आदि से जनहानि की आशंका रहेगी।
• दाधीच के अनुसार तुला, वृश्चिक, मीन व कर्क राशि के जातकों के लिए ये ग्रहण अनिष्टप्रद होगा। अन्य राशियों के जातकों के लिए शुभ रहेगा।