सूर्य के राशि बदलने से शुरू हुई वर्षा ऋतु:बारिश के मौसम में बढ़ती है बीमारियां, इनसे बचने के लिए बनी व्रत-पर्वों की परंपरा

नापासर टाइम्स। 17 जुलाई को सूर्य के कर्क राशि में आते ही वर्षा ऋतु शुरू हो गई है। जो कि 17 सितंबर तक रहेगी। बारिश के मौसम में सूर्य कर्क और सिंह राशि में रहेगा। सूर्य के दक्षिणायन होते ही पहली ऋतु वर्षा ही होती है।

धर्म ग्रंथों में बताए गए तीज-त्योहार बारिश के मौसम से ही शुरू हो जाते हैं। इस मौसम के दरमियान ही बीमारियों का संक्रमण बढ़ता है, इसलिए इनसे बचने के लिए ग्रंथों में व्रत-पर्वों की व्यवस्था की गई है।

*वर्षा ऋतु में पीना चाहिए उबला पानी*

ये ऋतु बीमारियों को जन्म देने वाली होती है। इसी दौरान सूर्य मिथुन राशि में भी रहता है इस वजह से रोगों का संक्रमण ज्यादा बढ़ता है। इसलिए इस समय उबला हुआ पानी पीना चाहिए।

बारिश का पानी ग्रीष्म ऋतु से प्रभावित जमीन पर पड़ता है, जिससे दूषित भाप बनती है। इस ऋतु में गेहूं, मूंग, दही, अंजीर, छाछ, खजूर आदि का सेवन करना लाभदायक होता है। इस ऋतु में कर्क और सिंह राशि वाले लोगों को ज्यादा ऊर्जा मिलती है।

*वर्षा ऋतु में शुरू होता है चातुर्मास*

इस मौसम में आषाढ़ी एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है जो कि कार्तिक महीने की एकादशी तरह रहता है। वैदिक परंपरा में आषाढ़ से अगहन तक का समय चातुर्मास कहलाता है।

चातुर्मास का समय आत्म-वैभव को पाने और अध्यात्म की फसल उगाने की दृष्टि से अच्‍छा माना जाता है। इसी कारण से पदयात्रा करने वाले साधु-संत भी वर्षा ऋतु के दौरान एक जगह रहकर प्रवास करते हैं और उन्‍हीं की प्रेरणा से धर्म जागरण होता है।

*जानिए कैसे तय होती हैं ऋतुएं…*

सूर्य, एक महीने में एक राशि को पार कर जाता है। इस तरह जब सूर्य दो राशियों को पार करता है तो एक ऋतु पूरी होती है। सूर्य किस राशि में है, इससे ही ऋतुएं तय होती हैं।

सूर्य जब बृहस्पति की राशि मीन और अपनी उच्च राशि मेष में होता है तब सबसे पहली ऋतु वसंत होती है। जो कि 14 मार्च 15 मई तक रहती है। इसके बाद 15 मई से 17 जुलाई तक जब सूर्य वृष और मिथुन राशि में होता है तब ग्रीष्म ऋतु होती है।

अब सूर्य 17 जुलाई को कर्क राशि में आया है। इसके बाद सिंह राशि में आ जाएगा और 17 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान वर्षा ऋतु रहेगी। फिर 17 सिंतबर से 17 नवंबर तक शरद ऋतु के समय सूर्य कन्या और तुला राशि में रहेगा।

17 नवंबर से 14 जनवरी तक सूर्य वृश्चिक और धनु राशि में रहेगा। इन दिनों में हेमंत ऋतु रहेगी। इसके बाद 14 जनवरी से 14 मार्च तक सूर्य मकर और कुंभ राशि में होता है, तब आखिरी ऋतु शिशिर होती है।