नापासर टाइम्स। उतर पश्चिम रेलवे के जीएम विजय शर्मा ने बताया कि- ड्राइंग और डिजाइन हो चुकी है फाइनल,राजस्थान में बीकानेर रेलवे स्टेशन रिडवलपमेंट के बाद पहला जी-9 यानि नौ मंजिला आधुनिक रेलवे स्टेशन होगा। रेलवे स्टेशन पर बड़ा एयर कॉनकोर्स बनेगा। यह प्लेटफार्म एक से छह तक को ऊपर ऊपर जोडेगा।
यह प्लेटफार्म एक से छह तक को ऊपर ऊपर जोड़ेगा। इसके ऊपर कवर्ड रूफ बनेगा।
खास बात यह है कि रेलवे स्टेशन की फर्स्ट और सेकेंड एंट्री दोनों को जोड़ते हुए इसका निर्माण किया जाएगा। इसमें रेल यात्रियों के लिए वेटिंग एरिया, लिफ्ट, एस्केलेटर, अनारक्षित व आरक्षित वेटिंग हॉल एसी और नॉन एसी, टॉयलेट बाथरूम, शिशु देखभाल कक्ष, फूड कोर्ट, अन्य दुकानों के एयरपोर्ट जैसी तमाम सुविधाएं होंगी।
उतर पश्चिम रेलवे के जीएम विजय शर्मा ने भास्कर से बातचीत में कहा कि नौ मंजिला बिल्डिंग में तीन मंजिल तक यात्री सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। बाकी में ऑफिस, टिकट काउंटर सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं मिलेगी। इसमें 98 मीटर लंबा, 36 मीटर चौड़ा एयर कॉनकोर्स बनेगा।
38 लिफ्ट, 24 एस्केलेटर लगाने के अलावा, सोलर पैनल, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तक होगा। इमारतों के बाकी फ्लोर को व्यावसायिक गतिविधियों के उपयोग में लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेकेंड एंट्री के निर्माण को लेकर रेलवे के सामने
जगह संबंधी समस्या थी।
मंडल अधिकारियों ने समस्या का हल निकाल लिया है। कुछ रेलवे क्वाटर्स को तोड़कर जगह निकाली जाएगी। रेलवे स्टेशन का 471 करोड़ रुपए की लागत से रिडवलपमेंट किया जाना है। ड्राइंग व डिजायन फाइनल हो चुका है। निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा।
स्टेशन पर सुरक्षा के लिहाज से हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बिल्डिंग निर्माण 46000 वर्ग मीटर, सर्कुलेटिंग एरिया व पार्किंग 47000 वर्ग – मीटर व वाणिज्यिक गतिविधि क्षेत्र – 24000 वर्ग मीटर में रहेगा। निर्माण के समय हैरिटेज लुक का भी ख्याल रखा जाएगा। आने वाले 50 साल को देखते हुए बीकानेर स्टेशन का डवलपमेंट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीकानेर मंडल में यात्री सुविधाओं और इलेक्ट्रिफिकेशन का काम तेजी से चल रहा है।
वंदे भारत के संचालन में अभी वक्त है। रूट फाइनल नहीं होने के कारण वंदे भारत को संचालित करने की तिथि फाइनल नहीं हो पा रही है। इससे पहले जीएम शर्मा ने बीकानेर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर मंडल अधिकारियों से स्टेशन के रिडवलपमेंट प्रोजेक्ट को
लेकर चर्चा की। मंडल में चल रहे कार्यों की प्रगति । बाद में जीएम शर्मा, बीकानेर डीआरएम राजीव श्रीवास्तव, सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण समेत हेड क्वार्टर और मंडल के अधिकारी नौरंगदेसर के लिए रवाना हो गए।
चूरू – रतनगढ़ ट्रैक के दोहरीकरण का काम होगा शुरू। जीएम ने बताया कि चूरू – रतनगढ़ के बीच 42.81 किलोमीटर ट्रैक के दोहरीकरण का काम इसी महीने शुरू होगा। इस काम पर 422.60 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ट्रैक पर विद्युतीकरण का काम पहले ही कंपलीट हो चुका है। दोहरीकरण की ड्राइंग के मुताबिक अब यहां पहले चरण में समतलीकण का काम होगा। ट्रैक के दोहरीकरण से बीकानेर से रतनगढ़ चूरू होकर और जोधपुर से डेगाना, लाडनूं, रतनगढ़ व चूरू होकर नई लंबी दूरी की ट्रेनें मिलेंगी। जिले के अलावा प्रवासी राजस्थानियों का फायदा पहुंचेगा।
यात्रीभार बढ़ने से रेलवे का राजस्व बढ़ेगा। ट्रेनों में क्रॉसिंग की समस्या नहीं रहेगी। अवागमन में समय की बचत होगी। क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा और रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। आसपास स्थापित विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर रेल सुविधा मिलेगी। बीकानेर संभाग में होने वाले जिप्सम / लाइम स्टोन तथा फुड ग्रेन और फर्टिलाइजर के लदान के लिए सुगम रेल परिवहन मिलेगा। चूरू-रतनगढ़ ट्रैक के दोहरीकरण के बाद सादुलपुर-हिसार, चूरू सादुलपुर एवं रतनगढ़-सुजानगढ़ ट्रैक का चरणबद्ध तरीके से दोहरीकरण होगा। ये कार्य 2025 तक कंपलीट होना प्रस्तावित है।