नापासर टाइम्स। सावन महीने की शुरुआत मंगलवार 4 जुलाई 2023 से हो चुकी है और इसका समापन 31 अगस्त को होगा. इस बार सावन में अधिकमास लगा है, जिस कारण सावन दो महीने का होगा. इसमें अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगी.
सावन महीने में शिवजी की पूजा, जलाभिषेक के साथ ही सोमवारी व्रत का विशेष महत्व होता है. सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने का विधान है. आमतौर पर सावन में सोमवारी व्रत की संख्या 4-5 होती है. लेकिन इस बार अधिकमास लगने के कारण सावन में कुल 8 सोमवार पड़ेंगे, जिसमें 4 सावन और 4 अधिकमास के होंगे.
*8 सावन सोमवारी व्रत में 4 होंगे मान्य*
अधिकमास लगने के कारण इस साल सावन दो महीने का होगा और सावन के सोमवारी व्रत भी दो चरणों में संपन्न होंगे. इसमें पहला चरण 04 जुलाई से 17 जुलाई तक होगा. इन 15 दिनों की अवधि में पंचांग के अनुसार, सावन माह की कृष्ण पक्ष रहेगी. इसके बाद अगले 15 दिन यानी सावन माह का शुक्ल पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा. इन्हीं दोनों चरणों की तिथियों में पड़ने वाले सोमवार के दिन सावन सोमवारी का व्रत रखना मान्य होगा.
*ये तिथियां हैं-*
सावन का पहला सोमवार व्रत- 10 जुलाई 2023
सावन का दूसरा सोमवार व्रत- 17 जुलाई 2023
सावन का तीसरा सोमवार व्रत- 21 अगस्त 2023
सावन का चौथा सोमवार व्रत- 28 अगस्त 2023
इसके अलावा अन्य 4 सावन सोमवार अधिकमास या मलमास में पड़ेंगे, जो कि मान्य नहीं होगा. इसकी तिथियां हैं- 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 21 अगस्त.
*क्या होता है अधिकमास*
अधिकमास हिंदू पंचांग के अनुसार, हर तीसरे साल के बाद लगता है. इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. जिस चंद्र मास में सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिकमास कहते हैं. मलमास में शुभ मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. इस साल सावन महीने में अधिकमास लगा है. इससे पहले 2004 में सावन में अधिकमास लगा था. ऐसे में इस बार 19 साल बाद सावन में अधिकमास लगने के कारण पूरे 2 महीने तक शिवजी की अराधना की जाएगी.