नापासर टाइम्स,बीकानेर। श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के हाल ही में सम्पन्न चुनाव का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां शनिवार को अध्यक्ष प्रत्याशी हुकमचंद कांटा ने प्रेस वार्ता कर निर्वाचित प्रत्याशी मनीष लांबा पर चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप लगाये थे। वहीं आज निर्वाचित अध्यक्ष मनीष लांबा ने आरोप का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया। उन्होंने कहा कि हुकमचंद कांटा मेरे पिता समान है वे कोई भी सरकारी एजेंसी से चुनाव संचालन सम्बन्धी जांच करा सकते हैं और अगर दोषी हूं तो कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि समाज के चंद लोग कांटा को बरगला रहे है और समाज में वैमनस्यता पैदा कर रहे है। समाज के ही चंद लोग समाज की सद्भावना बरकरार नहीं रखना चाहते हैं कांटा को आगे लाकर उन्हें जबरदस्ती भड़काने का काम कर रहे हैं। जबकि जिस दिन चुनाव हुए और मैं विजयी घोषित हुआ उसी समय कांटा ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी लेकिन कुछ दिनों बाद अबआरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। उनका दावा है कि चुनाव में किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा साबित होता है तो वे समाज जैसे कहेगा वैसे करने को तैयार है। लांबा ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि चुनाव पारदर्शिता से हुए है। चुनाव से पहले ही सब नियम कायदे सभी को बताएं गये थे । मीडिया के समक्ष उपलब्ध नहीं करवाएं तथ्य हालांकि इसके उन्होंने कोई तथ्य मीडिया को नहीं उपलब्ध करवाएं। फिर भी उन्होंने दावा किया कि चुनाव संचालन समिति के त मापदंड़ों के अनुरूप चुनाव हुए है। फर्जीवाड़े के आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि चुनाव को बड़ी शालीनता के साथ लड़ा और यहां तक कि अभद्र भाषा का प्रयोग कहीं भी नहीं किया। जो तथ्य कांटा ने मीडिया के सामने रखे। वे फर्जी है, इसमें उनकी दादी का नाम भी शामिल है। जबकि वे लंबे समय से यहां निवास कर रही है। इतना ही नहीं किसी से भी करवा ले जांच लांबा ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि चुनाव में किसी प्रकार की हेराफेरी हुई है तो समाज चाहें तो मीडिया, पुलिस, कलेक्टर, संभागीय आयुक्त या फिर किसी भी सरकारी एजेंसी से जांच करा सकते हैं।
आखिर गलती किसकी
अब सवाल यह उठता है कि आखिर चुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों ने गड़बड़ी नहीं कि तो गलती किसकी है। कांटा ने चुनाव संचालन समिति के साथ मिलीभगती का आरोप निर्वाचित अध्यक्ष मनीष लांबा पर लगाया। वहीं मनीष लांबा ने भी सफाई पेश करते हुए इसे निराधार बताया और स्पष्ट किया कि चुनाव में संचालन समिति ने जो तय किया उसके अनुरूप ही चुनाव हुए है। ऐसे में दोनों के आरोप प्रत्यारोप के बीच अब चुनाव संचालन समिति पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं।