नापासर टाइम्स। आषाढ़ महीना 5 जून से शुरू हो गया है। इसके पहले 15 दिन यानी कृष्ण पक्ष 18 जून तक रहेगा। इन दिनों में तीर्थ स्नान और जरुरतमंद लोगों को दान देने की परंपरा है। साथ ही आषाढ़ महीने में नियम-संयम से रहने का विधान है।
इस महीने के कृष्ण पक्ष में 4 सर्वार्थसिद्धि और 3 रवियोग बनेंगे। इस तरह 15 दिनों में कुल 7 शुभ योग रहेंगे। इनके अलावा संकष्टी चतुर्थी, मिथुन संक्रांति, गुरु प्रदोष, योगिनी एकादशी और आषाढ़ अमावस्या जैसे व्रत-पर्व के 5 दिन रहेंगे।
*व्रत-पर्व के 5 दिन -*
7 जून, गुरुवार (संकष्टी चतुर्थी ): आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कृष्णपिंगाक्ष चौथ भी कहते हैं। इस बार बुधवार को पड़ने से ये व्रत और खास हो जाएगा। इस दिन गणेश जी की पूजा और व्रत करने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
14 जून, शुक्रवार (योगिनी एकादशी): 14 जून को आषाढ़ के कृष्ण पक्ष की एकादशी रहेगी। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार और योगीराज श्रीकृष्ण की पूजा की भी परंपरा है।
15 जून, गुरुवार (मिथुन संक्रांति ): इस दिन सूर्य अपनी शत्रु राशि से निकलकर मित्र राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य के राशि में बदलाव वाले दिन को पर्व कहा गया है, इसलिए इस दिन तीर्थ स्नान और जरुरतमंद लोगों को दान दिया जाता है। पितरों की तृप्ति के लिए इस दिन श्राद्ध भी करते हैं।
15 जून, गुरुवार (प्रदोष व्रत): शिव पुराण के मुताबिक आषाढ़ मास में शिव पूजन से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म होते हैं और बीमारियां दूर होने लगती हैं। इस महीने गुरुवार को पड़ने वाली प्रदोष तिथि के संयोग में किया गया व्रत समृद्धि देने वाला होता है।
18 जून, बुधवार (आषाढ़ अमावस्या): इसे हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है। इस पर्व पर स्नान-दान के साथ पितरों के श्राद्ध करने की परंपरा है साथ ही इस दिन धरती देवी की विशेष पूजा की जाती है।
*शुभ योग वाले 7 दिन -*
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में नई शुरुआत और खरीदारी के लिए 7 दिन शुभ रहेंगे। ज्योतिषीयों का मानना है कि इन शुभ योग में की गई खरीदारी से लंबे समय तक फायदा देने वाली होती है। वहीं, इन शुभ दिनों में किए गए कामों में सफलता भी मिलती है।
सर्वार्थसिद्धि योग: 5, 11, 13 और 17 जून
अमृतसिद्धि योग: 13 और 17 जून
रवियोग: 8, 9 और 10 जून