RBI ने 19 मई को 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस ने का ऐलान किया था। इसके तीन बाद यानी आज से देशभर के बैंकों में इस नोट को बदलने की प्रोसेस शुरू हो गई है। RBI ने 30 सितंबर तक 2000 के नोट बदलने या अकाउंट में जमा कराने को कहा है।
अगर आप 2000 का नोट बदलने बैंक जा रहे हैं, तो क्या प्रोसेस फॉलो करना होगा। क्या बैंक आपसे कोई
दस्तावेज मांगेंगे या बैंक में आपका अकाउंट होना जरूरी है… इन तमाम सवालों के जवाब यहां जानिए…
1. सवाल: RBI ने कहा क्या है?
जवाब: रिजर्व बैंक 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। ऑब्जेक्टिव पूरा होने के बाद 2018-19 में इसकी प्रिंटिंग बंद कर दी गई थी।
2. सवाल: कहां से बदल सकते हैं ये 2 हजार के नोट? जवाब: आप अपनी पास की किसी भी बैंक की शाखा में जाकर ये नोट बदल सकते हैं।
3. सवाल: मेरा बैंक अकाउंट नहीं है तो क्या मैं इसके बिना नोट बदल सकता हूं?
जवाब: हां, आप किसी भी बैंक के ब्रांच में जाकर नोट बदल सकते हैं। उस बैंक में आपका अकाउंट हो ऐसा जरूरी नहीं है। आप सीधे काउंटर पर जाकर नोट बदल सकते हैं। वहीं अगर आपका उस बैंक में अकाउंट है तो आप ये रुपए अपने अकाउंट में जमा भी करा सकते हैं।
4. सवाल: एक बार में कितने नोट बदल सकते हैं? जवाब: एक बार में ₹20,000 की सीमा तक ₹2000 के नोट बदलवा यानी दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज
करवा सकते हैं। वहीं अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी 2000 के नोट डिपॉजिट (अकाउंट में जमा ) कर सकते हैं।
5. सवाल : क्या नोट बदलने के लिए बैंक को कोई चार्ज देना पड़ेगा?
जवाब: नहीं, नोट बदलने के लिए आपको कोई भी चार्ज (शुल्क) नहीं देना होगा। ये एकदम फ्री है। अगर कोई कर्मचारी आपसे इसके लिए पैसे मांगता है तो आप बैंक अधिकारी या बैंकिंग लोकपाल में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
6. सवाल: 30 सितंबर तक नोट जमा नहीं किए तो क्या होगा?
जवाब : लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि RBI ने 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है।
7. सवाल: ये नया नियम किन लोगों के लिए लागू हो
रहा है?
जवाब: यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर व्यक्ति को जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे उन्हें 30 सितंबर तक बैंक की किसी भी ब्रांच में डिपॉजिट करने या दूसरे नोटों से एक्सचेंज कराने होंगे।
8. सवाल: इससे आम लोगों पर क्या असर होगा? जवाब : 2016 की नोटबंदी में जब 500 और 1000 को
नोट बंद किए गए थे तो उसे बदलने के लिए लंबी लाइनें लग गई थी। इस कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार वैसी स्थिति तो नहीं बनेगी, लेकिन थोड़ी बहुत परेशानी उठाना पड़ सकता है।
9. सवाल: बाजार में 2000 के नोट से खरीदारी में क्या असर दिख रहा है?
जवाब: सरकार ने इसे अभी चलन में भले ही बनाकर रखा है, लेकिन व्यापारी इससे लेनदेन करने में कतरा रहे हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि इन्हें बैंक से ही बदल लें।
10. सवाल: क्या यह फैसला सरकार की ओर से भूल सुधार है?
जवाब: 2016 में बंद किए गए 500 और 1000 के की कमी को पूरा करने के लिए 2000 के नोट छापे गए थे। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई। यानी ये सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता है 2000 के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करना सरकार की भूल सुधार है।
RBI ने कहा- जल्दबाजी न करें, अभी तीन महीने का समय
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ किया कि नोट बदलने के लिए तय 30 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी 2000 का नोट लीगल रहेगा। यानी मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। डेडलाइन सिर्फ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे यह नोट बैंकों को जल्द वापस कर दें।
शक्तिकांत दास ने कहा था कि लोग नोट बदलने के लिए बैंकों में भीड़ ना लगाएं। हमने 4 महीने का समय दिया है। आप आराम से नोट बदलिए, लेकिन समय सीमा को गंभीरता से लीजिए।
लोगों को जो भी परेशानी आएगी, उसे दूर करेंगे RBI ने सोमवार को एक ओर गाइडलाइन जारी की थी। इसमें बैंकों से कहा गया कि गर्मी को देखते हुए वो लोगों के लिए छायादार जगहों और पानी का इंतजाम करें। कितने नोट बदले गए और कितने जमा किए गए, इसका रोजाना हिसाब रखें।
शक्तिकांत दास ने कहा, ‘जो भी परेशानी आएगी, उसे हम दूर करेंगे। हम भी बैंकों के जरिए इस प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। चिंता वाली कोई बात नहीं है । करेंसी
मैनेजमेंट ऑपरेशन के तहत ही हमने 2000 के नोट सर्कुलेशन से हटाने का काम शुरू किया है।
पहले भी दुकान में लोग 2000 के नोट नहीं लेते थे। हमारे ऐलान के बाद यह शायद और बढ़ गया है। हमने कहा था कि ये लीगल टेंडर बना रहेगा। आप 2000 के नोटों से खरीदारी कर सकते हैं। 30 सितंबर तक ज्यादातर नोट हमारे पास आ जाएंगे और फिर हम फैसला करेंगे।’
बिना डॉक्यूमेंट नोट बदलने पर हाई कोर्ट का फैसलासु रक्षित
बिना डॉक्यूमेंट के नोट बदलने के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्लीहा ईकोर्ट में PIL दायर की है। उन्होंने बिना किसीप हचान प्रमाण पत्र के 2000 के नोट बदलने की अनुमति न देने की मांग की है। इस पर आज सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।