नापासर टाइम्स। बीकानेर में सरपंचों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। बीकानेर पंचायत समिति में राज्य सरकार के खिलाफ पंचायत समिति सरपंच संघ की ओर से धरना शुरू किया गया है। सरपंचों के असहयोग के चलते बीकानेर के ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई राहत केंप में कोई खास रौनक नजर नहीं आई।
सरपंच यूनियन अध्यक्ष तोलाराम कूकणा ने बताया की राज्य सरकार की ओर से महंगाई राहत कैंप, प्रशासन गांवो के संग शिविर लगाए जा रहे हैं लेकिन वहां काम नहीं हो रहा। सरपंच यूनियन अध्यक्ष ने कहा की इस कैंप का नाम महंगाई राहत कैंप की जगह फोटो शूट कैंप होना चाहिए था। सरपंचों ने एक स्वर में कहा की राज्य सरकार की ओर से नरेगा का करोड़ों रुपए का भुगतान बाकी हैं और मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना जैसी योजनाओं को शत प्रतिशत करवाने के लिए सरपंचों पर दवाब बनाया जाता हैं। इसके अलावा 15वें एवं 16वें वित्त आयोग के तहत राशि बकाया चल रही है। राज्य सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है, पंचायती राज की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले सरपंचों के साथ सरकार द्वारा धोखाधडी की जा रही हैं।
सोमवार को कोलासर एवं कालासर ग्राम पंचायत में महंगाई राहत शिविर एवं प्रशासन गांवो के संघ शिविर का आयोजन था। मगर इन दोनों ग्राम पंचायतो के ग्राम विकास अधिकारी एवं सरपंच हड़ताल पर हैं। ग्राम पंचायत में शिविर में लगा टेंट एकदम खाली पड़ा था। हालांकि इन दोनों ग्राम पंचायतो में सुबह से ही प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना रहा। इसी प्रकार कोलासार में स्वयं जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, एसडीएम शिविर में पहुंचे। कालासर में महंगाई राहत कैंप शिविर में लगे टेंट में कुर्सियां खाली पड़ी दिखाई दे रही थी। सरपंच यूनियन अध्यक्ष तोलाराम कूकना ने अपने सरपंच साथियों के साथ बीकानेर पंचायत समिति में पहुंचकर राज्य सरकार के खिलाफ शिविर फोटो शिविर बता कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की हैं। पेमासर, खारा, हुसंगसर, रायसर, कोलासर, कालासर, रामसर, बेलासर, बंबलू, बदरासर, शोभासर, रूणिया बड़ा बास, केसरदेसर जाटान, मालासर सहित करीब 27 ग्राम पंचायतो के सरपंच एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे ।