नापासर टाइम्स। 7 अप्रैल से वैशाख मास शुरू हो गया है। ये महीना 5 मई तक रहेगा। कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि क्षय होगी। इस कारण ये महीना 29 दिनों का रहेगा। पुराणों के मुताबिक इस महीने में स्नान-दान से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। वैशाख महीने में कई तीज-त्योहार आएंगे जिनमें व्रत-उपवास करने से कई गुना पुण्य मिलता है।
संकष्टी चतुर्थी (9 अप्रैल, रविवार): ये व्रत गणेशजी के लिए किया जाता है। सूर्यास्त के बाद भगवान गणेश और चंद्र की पूजा की जाती है।
मेष संक्रांति (14 अप्रैल, शुक्रवार): इस दिन सूर्य अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेगा इसलिए मेष संक्रांति पर्व मनेगा। इस दिन खरमास भी खत्म हो जाएगा।
वरुथिनी एकादशी (16 अप्रैल, रविवार): इस दिन वरुथिनी एकादशी होने से भगवान विष्णु की विशेष पूजा, अभिषेक और व्रत रखा जाएगा। इस व्रत से कई यज्ञों का पुण्य मिलता है।
वैशाख अमावस्या (20 अप्रैल, गुरुवार): इस दिन वैशाख महीने की अमावस्या है। ये पितरों की पूजा का पर्व है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी रहेगा।
अक्षय तृतीया (22 अप्रैल, शनिवार): ये स्नान-दान और खरीदारी का महापर्व है। इस दिन भगवान परशुराम का प्राकट्य उत्सव भी मनाते हैं।
गंगा सप्तमी (27 अप्रैल, गुरुवार): इस दिन गंगा पूजा और स्नान करने की परंपरा है। वैशाख महीने की इसी सप्तमी तिथि पर जन्हु ऋषि ने देवी गंगा को अपने कान से मुक्त किया था।
सीता नवमी (29 अप्रैल, शनिवार): कुछ ग्रंथों और मान्यताओं के मुताबिक वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर देवी सीता प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन देवी सीता की पूजा होती है।
मोहिनी एकादशी (1 मई, सोमवार): वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी होने से ये दिन बहुत पुण्य देने वाला माना गया है। इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था।
वैशाख पूर्णिमा (5 मई, शुक्रवार): ये वैशाख महीने की आखिरी तिथि रहेगी। इस दिन स्नान-दान से कई यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है। इस दिन बुद्ध जयंती मनाई जाएगी।
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