नापासर टाइम्स। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई की गाड़ी की चपेट में आए पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के नर्सिंगकर्मी की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। रविवार सुबह हादसे में घायल हसन के शरीर में फ्रेक्चर के अलावा कई अंदरुनी चोटे आई थी, जिसके चलते दोपहर बाद उसकी तबीयत बिगड़ती गई। उसे जयपुर रैफर किया गया लेकिन चौमू के पास ही एक प्राइवेट अस्पताल में उसे ले जाना पड़ा। जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
नोखा विधायक रविवार सुबह राजमाता सुशीला कुमारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जूनागढ़ जा रहे थे। इसी दौरान हसन अपनी नाइट ड्यूटी करके घर जा रहा था। आमतौर पर बहुत धीमे गाड़ी चलाने वाला हसन विधायक की स्कोर्पियो गाड़ी की चपेट में आ गया। ये टक्कर इतनी जोरदार थी कि हसन की बाइक से स्कोर्पियो का कुछ हिस्सा टूट गया। तेज स्कोर्पियो से वो गंभीर घायल हो गया। उसे तुरंत पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया।
*इलाज में लापरवाही ?*
हसन स्वयं ट्रोमा सेंटर में नर्सिंग कर्मचारी था। ऐसे में उसके घायल होने की सूचना मिलते ही अस्पताल के नर्सिंगकर्मी पहुंच गए। सीनियर डॉक्टर्स भी पहुंचे। प्रथम दृष्ट्या ये ही माना गया कि उसके पैर में फ्रेक्चर है। फीमर टूट गई है। जिसका तुरंत इलाज शुरू किया गया। बाद में एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी और अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके सैनी आए। उन्होंने रिपोर्ट्स देखने के बाद उसके शरीर में अंदरुनी चोटों को गंभीरता से लिया। दोपहर बाद उसे पीबीएम अस्पताल से जयपुर के लिए रैफर किया गया। नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि अगर समय रहते उसे जयपुर के लिए रैफर कर दिया जाता तो जान बच सकती थी। पीबीएम अस्पताल में कुछ घंटों बाद उसे वेंटीलेटर पर लिया गया, जब उसकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी। ट्रोमा सेंटर के कर्मचारियों को अपने ही साथी की मौत का दर्द है।
*सहज और सरल थे हसन*
अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि हसन बहुत सहज और सरल इंसान थे। रोगियों की सेवा करने के लिए वो हमेशा आगे रहे। कुछ समय पहले ही उनके पिता का निधन हो गया था। आमतौर पर बाइक भी बहुत धीमी गति से चलाते थे, फिर भी एक्सीडेंट हो गया।