नापासर टाइम्स। शीतलहर शुरू होने के साथ ही बीकानेर में सूर्यदेव तो छुट्टी पर चले गए हैं लेकिन बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा है। तापमान में भारी गिरावट के बाद भी स्कूलों में छुट्टी नहीं होने पर गार्जन खुद ही अवकाश करवाने के लिए मजबूर है। शुक्रवार को बीकानेर के स्कूल्स में बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। एक अनुमान के मुताबिक करीब तीस प्रतिशत बच्चों ने खुद ही छुट्टी कर ली।
कार में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि इससे पहले गुरुवार रात ये 9.1 डिग्री सेल्सियस था। करीब ढाई डिग्री सेल्सियस तापमान में गिरावट और तेज हवाओं ने सर्दी को ज्यादा कड़क कर दिया। साढ़े बारह बजे बाद ही बीकानेर में कहीं-कहीं धूप नजर आई है। वो भी बहुत कम तल्खी के साथ रही।
उधर, मौसम विभाग ने बीकानेर संभाग के लिए ही ओरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। मकर सक्रांति के साथ ही बीकानेर में तापमान में ज्यादा गिरावट होने की आशंका जताई जा रही है। तापमान एक-दो डिग्री सेल्सियस तक भी आ सकता है। फिलहाल शुक्रवार की रात सर्दी और बढ़ेगी। तापमान का ग्राफ आने वाले दिनों और कम होना तय माना जा रहा है।
सबसे ठंडा जैसलमेर
प्रदेशभर में सर्दी का सबसे ज्यादा असर पश्चिमी राजस्थान में ही देखने को मिल रहा है। यहां जैसलमेर में पांच डिग्री सेल्सियस पर पारा पहुंच गया है। आने वाले दिनों में यहां भी सर्दी बढ़ेगी। वहीं बीकानेर संभाग के चारों जिलों में भी तापमान में गिरावट आई है। बीकानेर के अलावा श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू में पिछले चौबीस घंटे में तापमान नौ से दस डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा।
हो सकती है छुट्टी
सर्दी बढ़ने के साथ ही अभिभावक एक बार फिर जिला कलक्टर की ओर ताक रहे हैं। न सिर्फ अभिभावक बल्कि टीचर्स भी स्कूल छुट्टी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उधर, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि तापमान दो-तीन डिग्री सेल्सियस होने पर ही स्कूल की छुट्टी की जा सकती है। फिलहाल बीकानेर सहित पूरे प्रदेश में ही पारा पांच डिग्री सेल्सियस से अधिक है। ऐसे में छुट्टी की संभावना कम है।