नापासर टाइम्स। नवग्रहों में शनि ग्रह का महत्व अधिक होता है. शनि देव की कुदृष्टि से मनुष्य ही नहीं, देवता भी भय खाते हैं. कुंडली में शनि की स्थिति हमारे जीवन पर शुभ व अशुभ प्रभाव डालती है. अगर किसी जातक पर शनि देव की कु दृष्टि होती है, तो उसके जीवन में एक के बाद एक मुसीबतें आने लगती हैं, इसलिए शनि को प्रसन्न रखने के लिए शास्त्रों में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि देवताओं की विशेष पूजा करने से शनि देव के प्रकोप से बचा जा सकता है. देवताओं की पूजा से व्यक्ति पर शनि देव अपनी वक्रदृष्टि नहीं डालते. आइये जानते हैं किस देवता की पूजा से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.
*भगवान शिव की पूजा*
हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रमुख देवता माना गया है. भगवान शिव की पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं. जो भी भक्त भगवान शिव की सच्ची श्रद्धा से पूजा करते हैं, उन पर शनि देव अपनी कुदृष्टि नहीं डालते हैं. भगवान शिव की पूजा से शनि देव की कृपा भी प्राप्त होती है. ऐसे में अगर कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों तो उस व्यक्ति को भगवान शिव की नियमित पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
*हनुमान जी की पूजा*
शास्त्रों में हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार व शनिवार का दिन निर्धारित है. शनिवार के दिन शनि देव की भी पूजा की जाती है. शनि देव हनुमान जी से भय खाते हैं क्योंकि जब शनि देव को अपनी शक्तियों पर अहंकार हो गया था, तब हनुमान जी ने उनको सबक सिखाया था. इसी वजह से हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों पर शनि देव अपनी कुदृष्टि नहीं डालते हैं. इसलिए शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
*श्रीकृष्ण की पूजा*
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से भी शनि देव की कृपा बनी रहती है. शास्त्रों के अनुसार, शनि देव भी भगवान श्रीकृष्ण की स्तुती करते हैं. शनि देव ने मथुरा के कोकिला वन में श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए तपस्या की थी, इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा करने पर शनि देव के शुभ फल प्राप्त होते हैं.
*Via News 18.?*
https://hindi.news18.com/news/dharm/shani-dosh-upay-worship-of-these-gods-to-take-blessings-of-shani-dev-5122489.html