नापासर टाइम्स। राजस्थान की गहलोत सरकार के बिजली विभाग और डिस्कॉम प्रबंधन की भारी लापरवाही से प्रदेश के 2.5 लाख से ज्यादा घरों में बिजली कनेक्शन के लिए केंद्र सरकार से मिला 1,022 करोड़ रुपये का बजट लैप्स हो गया। बीकानेर के नोखा से बीजेपी विधायक बिहारीलाल विश्नोई की शिकायत के बाद केंद्र सरकार की जांच में इसका खुलासा हुआ है।
विधायक विश्नोई ने कहा, राजस्थान सरकार ने गांव-ढाणी के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है, जबकि बिजली विभाग के मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है, केंद्र सरकार से दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना सौभाग्य का समय एक साल और बढ़ाने की मांग की गई थी। लेकिन केंद्र ने करीब तीन महीने का ही समय बढ़ाया, जिस कारण काम शुरू नहीं हो सका और योजना का बजट लैप्स हो गया। चुनावी साल से ठीक पहले इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।
*केंद्र सरकार ने 1,022 करोड़ रुपये का बजट दिया…*
केंद्र की मोदी सरकार ने गहलोत सरकार को प्रदेश की ढाणियां बिजली कनेक्शन से जोड़ने के लिए पंडित दीनयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना सौभाग्य में 26 जुलाई 2021 को 1,022 करोड़ रुपये का बजट दिया था। साथ ही दिसंबर 2021 तक काम पूरा करने की शर्त रखी गई थी। राजस्थान का बिजली विभाग तय टाइम पीरियड में इस बजट का न तो इस्तेमाल कर पाया और न ही गांव-ढाणियों के घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ पाया।
राजस्थान सरकार की बार-बार मांग पर दो बार समय बढ़ाकर आखिरी बार मार्च महीने तक काम पूरा करने को कहा गया। लेकिन काम शुरू ही नहीं हो सका। इस स्कीम में गांव-ढाणी में किसानों को फ्री बिजली कनेक्शन देने थे। 60 फीसदी पैसा केंद्र सरकार और 40 फीसदी पैसा राज्य सरकार को खर्च करना था। किसान को खुद के खर्च पर बिजली कनेक्शन कराने पर 70 हजार से एक लाख रुपये तक देने पड़ते हैं।