नापासर टाइम्स। पौष महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी सोमवार, 26 दिसंबर को है। इसे विनायक चौथ कहा जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने का विधान है। साथ ही शाम को चंद्रमा के दर्शन कर जल चढ़ाया जाता है। गणेश जी के साथ चंद्रमा की पूजा करने से सुहागन महिलाओं के लिए ये दिन खास होता है। पुराणों का कहना है कि इस दिन भगवान गणेश के साथ शिव-पार्वती और चंद्रमा की पूजा करने से परिवार में समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां खत्म होती हैं।
*गणेश पूजा की विधि*
सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा और पूरे दिन व्रत रखने का संकल्प लें। पूजन के समय श्रद्धा के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा या मिट्टी की गणेशजी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद सुगंधित चीजों से भगवान की पूजा और आरती करें। पूजा करते समय ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें। फिर गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं।
गणेशजी को 21 दूर्वा चढ़ाएं। फिर लड्डुओं का भी भोग लगाएं। इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। शाम को फिर गणेशजी की पूजा और आरती करें। इसके बाद खुद भोजन कर सकते हैं।
*गणेश जी के 12 नामों से पूजा*
पौष महीने की विनायक चतुर्थी पर गणेश जी 12 नाम बोलते हुए पूजा करनी चाहिए। क्योंकि इन नामों को बोलते हुए की गई पूजा जल्दी सफल होती है।
*गणेश जी के नाम:* ऊँ सुमुखाय नम:, ऊँ एकदंताय नम:, ऊँ कपिलाय नम:, ऊँ गजकर्णाय नम:, ऊँ लंबोदराय नम:, ऊँ विकटाय नम:, ऊँ विघ्ननाशाय नम:, ऊँ विनायकाय नम:, ऊँ धूम्रकेतवे नम:, ऊँ गणाध्यक्षाय नम:, ऊँ भालचंद्राय नम:, ऊँ गजाननाय नम:।
*शाम को चंद्रदेव को अर्पित करें अर्घ्य*
चतुर्थी पर चंद्रदेव की भी पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस तिथि पर शाम को चांद दिखने के बाद चांदी के लोटे में पानी और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
*एक वक्त खाना और शिव मंत्र का जाप*
पौष मास होने से विनायक चतुर्थी पर एक वक्त खाना खाना चाहिए। यानी व्रत रखने से सौभाग्य और यश मिलता है। इस दिन व्रत करने से उम्र भी बढ़ती है। शिव पुराण का कहना है कि इस दिन नम: शिवाय मंत्र का जाप करने से मोक्ष मिलता है।
*चतुर्थी पर करें इन चीजों का दान*
चतुर्थी पर पूजा-पाठ के साथ ही अनाज और पैसों का दान करें। इस तिथि पर जरुरतमंद लोगों को खाना खिलाएं और कपड़ों का दान करना चाहिए। इस दिन तिल और गुड़ का दान करना चाहिए।
*विनायक चतुर्थी का महत्व*
विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार की जाती है। एक बार दोपहर और फिर मध्याह्न में। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन व्रत करने और इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति होती है। चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।