नापासर टाइम्स। सोमवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत सबसे शुभ माना जाता है. प्रदोष व्रत को त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन जो कोई व्रत रखता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. हर महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष. किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. आज 5 दिसंबर को सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर शनिवार के दिन किसी दंपत्ति को संतान सुख की कामना है तो प्रदोष व्रत करने से उन्हें जल्द संतान सुख की प्राप्ति होती है. वहीं बुधवार का प्रदोष व्रत सुख समृद्ध जीवन की कामना के लिए किया जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार, आप चाहे कोई भी प्रदोष व्रत करें, आपको सच्चे मन से पूजा-पाठ करने और प्रदोष व्रत कथा सुनने से ही मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है.
*सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त*
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सोम प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाएगा. सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 05 दिसंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन 06 दिसंबर 2022 को 06 बजकर 47 मिनट पर होगा.
*सोम प्रदोष व्रत पूजन विधि*
प्रदोष व्रत करने के लिए सबसे पहले आप त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं. स्नान करने के बाद आप साफ़ वस्त्र पहन लें. उसके बाद आप बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है. पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान कर लें और सफ़ेद रंग का वस्त्र धारण करें. आप स्वच्छ जल या गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें. अब आप गाय का गोबर ले और उसकी मदद से मंडप तैयार कर लें. पांच अलग-अलग रंगों की मदद से आप मंडप में रंगोली बना लें. पूजा की सारी तैयारी करने के बाद आप उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं. भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं.
*सोम प्रदोष व्रत के दिन न करें ये गलतियां*
1. घर के मंदिर की साफ सफाई का खास ख्याल रखें.
2. घर में इस दिन क्लेश से रहें सावधान.
3. किसी के लिए मन में गलत भाव न लाएं.
4. घर में हो सके तो तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन का प्रयोग ना करें.
5. साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही भगवान शिव परिवार की पूजा करें.
6. अपने गुरु और पिता के साथ सम्मान पूर्वक बात करें.
7. प्रदोष व्रत के दिन देर तक न सोएं.
8. व्रत के दिन चोरी करने, झूठ बोलने और किसी भी तरह की हिंसा से सावधान रहें.
9. प्रदोष व्रत के दिन किसी भी प्रकार का नशा न करें.
*सोम प्रदोष व्रत महत्व*
प्रदोष व्रत को हिन्दू धर्म में बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की अराधना करने से जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुराणों के अनुसार एक प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों के दान जितना होता है. इस व्रत में व्रती को निर्जल रहकर व्रत रखना होता है. प्रातः काल स्नान करके भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल अक्षत धूप दीप सहित पूजा करें. संध्या काल में पुन: स्नान करके इसी प्रकार से शिव जी की पूजा करना चाहिए.