जोगणिया बाला धाम में जोगमाया माता और भैरवनाथ की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा आज,जोगमाया और भैरूनाथ की मूर्तियों का ऋषिकेश से लाए जल से होगा अभिषेक, फूलों से महका मंदिर

नापासर टाइम्स। थावरिया पंचायत के जोगणिया बाला धाम में जोगमाया और भैरूनाथ की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा रविवार को होगी। प्रतिष्ठा से पहले मूर्तियों का अभिषेक ऋषिकेश से लाए जल से होगा। अभिषेक के ऋषिकेश से जल लेकर हरि महाराज जोगणिया बाला पहुंचे।

प्राण प्रतिष्ठा में 10 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल होगा जो पुष्कर से लाए गए हैं। इसमें 3 क्विंटल गुलाब के पूरे फूल और 7 क्विंटल गेंदे के फूल है। खास बात यह है कि मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु मोई माजरी सोनीपत के महंत बालकनाथ महाराज भी शामिल होंगे। रविवार को सुबह 11 बजे मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और 11:30 बजे चादर रस्म होगी। दोपहर 12 बजे से भंडारा शुरू हो जायेगा।
जिसमें देशभर से आए 30 हजार साधु-सन्यासी शामिल होंगे। इसके बाद संतों की विदाई शुरू हो जाएगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी होंगे। विशिष्ठ अतिथि अलवर सांसद योगी बालकनाथ, मोई माजरी सोनीपत के महंत बालकनाथ महाराज, जोगणिया बाळा महंत दर्शननाथ, ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी, नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, पूर्व संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर और जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल होंगे। विदित रहे कि पूर्व सरपंच प्रभुराम और जमनादेवी पंवार की स्मृति में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया है। 50 गुना 50 में बने इस मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा पर करीब 1 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में 50 हजार लोगों के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई है।
नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा भंडारा
बीकानेर जिले में नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा भंडारा जोगणिया बाला धाम में ही होता है। भंडारे में देशभर के नाथ संप्रदाय के लोग शामिल होते हैं। भागवताचार्य कन्हैयालाल पालीवाल प्रभुप्रेमी ने बताया कि जोगणिया बाला में कालका माता का मंदिर है। बीकानेर जिले में यही वह स्थान है जहां पर नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा भंडारा होता है। भंडारे में 50 से 60 हजार लोग शामिल होते हैं। 2 बार तो भामाशाह मांगीलाल बागड़ी ने भंडारे में आने वाले संत-महात्माओं को सोने के कुंडल भेंट किए थे।