नापासर टाइम्स। चाचा और दो भतीजों की करतूत ने पूरे राजस्थान को पूरे छह दिन तक हिला कर रख दिया। राजस्थान पुलिस के साथ देश की सभी सुरक्षा एजेंसियां उदयपुर में रेल ब्रिज पर धमाके कारण ढूंढ़ने में लगी रही। आखिर गुरुवार को ब्लास्ट के 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।पुलिस जांच में कारणों का तो खुलासा हो गया, लेकिन कई सवाल अभी भी बने हुए हैं।
आखिर ग्रामीण परिवेश के लोगों ने इस योजना को अंजाम कैसे दिया? क्या ये पहले किसी आपराधिक गैंग से जुड़े थे? रेल लाइन पर ब्लास्ट करने के लिए साजिश कैसे रची?
मुख्य आरोपी धूलचंद सिर्फ 32 साल का है और दसवीं पास है। रेल लाइन में जमीन चले जाने के बाद मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं मिली तो रेल लाइन को उड़ाने की योजना बनाई। प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद से धूलचंद लाइन को उड़ाने का षडयंत्र रचने लगा। इसके लिए उसने यूट्यूब पर कई वीडियो देखे। पुलिस की जांच में यूट्यूब में 24 से ज्यादा वीडियो हिस्ट्री मिली है। इससे समझ आता है कि वह किस तरह से षड्यंत्र रच रहा था। इस योजना में उसने अपने 18 साल के भतीजे प्रकाश और 17 साल के दूसरे नाबालिग भतीजे को भी शामिल किया।
वीडियो देखने के बाद तीनों ने मिलकर अंकुश सुवालका से संपर्क किया और दो टुकड़ों में विस्फोटक हासिल किया और वारदात को अंजाम दिया। हालांकि अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने कहा है कि उनका मकसद किसी को मारने का नहीं था। साथ ही, डूंगरपुर में मिली जिलेटिन की छड़ों से इस घटना का कोई कनेक्शन नहीं है।
पड़ताल में ये भी सामने आया कि प्रकाश पहले एक माइंस में कुछ महीने काम कर चुका था। इससे उसे माइनिंग के दौरान होने वाले ब्लास्टिंग की वायरिंग फिटिंग के बारे में बेसिक नॉलेज था। जिलेटिन के वायर से गुल्लों की फिटिंग को करीब से कई बार देख रखा था, लेकिन कुछ कंफ्यूजन था। इसलिए जब वो अंकुश सुहालका से गुल्ले (सुपर 90 विस्फोटक) खरीदने पहुंचा तो उससे भी पूछा कि बम कैसे बनाया जाता gS और कितने गुल्लों में बड़ा ब्लास्ट होगा? इस पर 30 वर्षीय अंकुश ने भी काफी चीजें बताई थी। हालांकि तब अंकुश को यह नहीं पता था कि आरोपी रेलवे ट्रैक उड़ाने वाला है। उसे बन्द पड़ी किसी माइंस में अवैध माइनिंग का डाउट था।
धूलचंद धमाके के लिए जावर माइंस में माइनिंग से जुड़े युवकों से किसी ने किसी बहाने बात करता रहता था। महीनों से वो युवकों से ब्लास्टिंग और डेटोनेटर की क्षमता पर सवाल पूछता रहता था। धूलचंद एक कपड़े की दुकान पर 5 हजार रूपए में भी काम कर चुका है। उसकी शादी हो चुकी हैं और दो बच्चे भी हैं। धूलचंद 10वीं तक ही पढ़ा लिखा है।
2200 रुपए में खरीदा बम बनाने का सामान
आरोपी ने डाकन कोटडा में अंकुश सुहालका की दुकान से दो अलग-अलग वक्त में गुल्ले लिए थे। एक बार में उसे 40 गुल्ले मिल गए थे। एक गुल्ले के लिए उसने 25 रुपए दिए। करीब 100 रुपए जिलेटिन के वायर के लिए दिए। उसने 80 गुल्ले और वायर लिया। कुल 2200 रुपए में दो बम बनाने का सामान ले लिया था। अंकुश ने अपने पिता की दुकान से उन्हें बिना बताए चुपचाप माल बेचा था।