

नापासर टाइम्स। आज 20 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या पर दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा से धनधान्य और सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार दिवाली पर भद्रा और राहुकाल का साया भी रहने वाला है. ऐसे अशुभ काल में कोई भी शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान वर्जित होते हैं. आइए जानते हैं कि दिवाली पर भद्रा और राहु काल का समय क्या रहने वाला है और देवी लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त क्या रहने वाला है.
*क्या है भद्रा का समय?*
द्रिक पंचांग के अनुसार, 20 अक्टूबर को दिवाली के दिन भद्रा का साया सुब 6 बजकर 8 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. चूंकि भद्रा स्वर्ग लोक में होगी. इसलिए दिवाली पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.
*कब से कब तक राहु काल ?*
इस बार दिवाली पर राहु काल भी रहने वाला है. द्रिक पंचांग के अनुसार, राहु काल का समय 20 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक रहने वाला है. राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करने से बचें
*दिवाली पूजा के 3 शुभ मुहूर्त*
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*पहला शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)-*
शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक.
*दूसरा शुभ मुहूर्त (वृषभ काल)-*
शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट तक
*तीसरा शुभ मुहूर्त (सर्वोच्च मुहूर्त)-*
शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 18 मिनट तक. इस दौरान आपको लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए करीब 1 घंटा 11 मिनट का समय मिलेगा.
*चंद्र हस्त योग में शुभ दीपावली पर पूजन के श्रेष्ठ मुहूर्त…*
गृहस्थ, किसान, व्यापारी, विद्यार्थी वर्ग (सभी के लिए)
*प्रदोष काल*
सायं 6:01 से 8.32
*वृषभ लग्न*
सायं 7:27 से 9:23
(सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त)
*नौकरीपेशा के लिए*
लाभ
दोपहर 3:11 से 4:36
*विद्यार्थियों के लिए*
अमृत
सायं 4:37 से 06:01
*व्यापारियों के लिए*
चंचल
सायं 6:02 से 7:36
*साधकों के लिए*
लाभ
रात्रि 10:47 से 12:22
शुभ (सिंह लग्नभी)
रात्रि 1:56 से 04:14
अमृत
रात्रि 3:32 से 5:07 (इसमें ब्रह्म मुहूर्त भी)
*दिवाली की पूजन विधि*
दिवाली के दिन सबसे पहले पूजा के लिए घर की पूर्व या उत्तर दिशा में एक साफ-सुथरा स्थान चुनें. चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं और उस पर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित करें. लक्ष्मी जी को दाहिनी ओर और गणेश जी को बाईं ओर स्थान दें. इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी दोनों की विधिवत पूजा आरंभ करें.
लक्ष्मी-गणेश को लाल फूल, कमल, चावल, इत्र, फल और मिठाई अर्पित करें. चूंकि मां लक्ष्मी को खील और बताशे अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए इन्हें अवश्य चढ़ाएं. फिर एक मुख्य घी या तेल का दीपक जलाएं और मां लक्ष्मी से धन, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करें. इसके बाद पूरे परिवार के साथ “ॐ जय लक्ष्मी माता” की आरती करें और प्रसाद बांटें.
पूजा के बाद घर के सभी कोनों में दीपक जलाएं ताकि मां लक्ष्मी का स्वागत हो सके. घर की उत्तर दिशा, मुख्य द्वार, छत और नल के पास दीपक जरूर जलाएं. घर के जिस कोने में अंधेरा रहता है, वहां भी एक दीपक लगाएं. मुख्य दीपक को पूरी रात जलता रहने दें, इसे अत्यंत शुभ माना जाता है. अगले दिन सुबह लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक घर के मंदिर में रख दें.
*Diwali 2025: दिवाली पर आज सुबह-सुबह कर लें ये 5 काम, घर जरूर पधारेंगी मां लक्ष्मी*
हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. यह दिन केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश भी देता है. दीपावली की रात को महानिशा भी कहा जाता है. “महानिशा” का अर्थ होता है विशेष या महान रात. इस रात को घर-आंगन दीपों से जगमगाया जाता है., मंदिरों और रास्तों को रोशन किया जाता है. लेकिन दिवाली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि घर और मन को शुद्ध करने का पर्व भी है. कहते हैं कि दिवाली की सुबह यदि सही क्रियाएं की जाएं, तो मां लक्ष्मी का वास घर में अवश्य होता है. आइए जानें, दिवाली के दिन सुबह-सुबह कौन से 5 आसान और महत्वपूर्ण काम जरूर किए जाने चाहिए.
*मुख्य द्वार पर रंगाई*
घर का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है. दिवाली से पहले इसे साफ और सुंदर रंगों से सजाना शुभ माना जाता है. रंग-बिरंगे द्वार न केवल घर को आकर्षक बनाते हैं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और धन को भी आमंत्रित करते हैं.
*दरवाजे पर वंदनवार*
वंदनवार या फूलों की माला दरवाजे पर लटकाने से मंगल और सौभाग्य का संकेत मिलता है. मान्यता है कि मुख्य दरवाजे पर वंदनवार लगाने से घर में नेगेटिव एनर्जी प्रवेश नहीं कर पाती है. दिवाली के मौके पर अशोक के पत्ते से बनी वंदनवार लटकाना शुभ माना जाता है. इससे घर में आर्थिक परेशानियां दूर होती है.
*घर में गंगाजल का छिड़काव*
घर में पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव करने की परंपरा है. गंगाजल के स्पर्श मात्र से राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष मिल गया था. ऐसी मान्यता है कि गंगाजल की वजह से घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है. इसलिए दिवाली पर गंगाजल का छिड़काव जरूर करें.
*दरवाजे पर स्वस्तिक बनाएं*
स्वस्तिक का चिह्न दरवाजे पर बनाना घर में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है. यह प्रतीक नकारात्मक ऊर्जा को रोकता और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
*सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें*
सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना, यानी जल अर्पित करना और सूर्य देव का धन्यवाद करना, घर में उजाला और जीवन में ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यह क्रिया दिन को मंगलमय और सकारात्मकता से भर देती है.
*इष्टदेव के मंत्रों का करें जप*
घर के मंदिर में पूजा करने के बाद दीपक जलाएं और अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें. मंत्र जप से मन शांत रहता है और मंत्रों की ध्वनी से घर में पवित्रता बनी रहती है.
गणेश मंत्र – श्री गणेशाय नम:
शिव मंत्र – ऊँ नम: शिवाय
विष्णु मंत्र – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नम
दुर्गा मंत्र – दुं दुर्गायै नम:
लक्ष्मी मंत्र – ऊँ लक्ष्मी नम:
राम मंत्र – रां रामाय नम:
कृष्ण मंत्र – कृं कृष्णाय नम:
हनुमान मंत्र – श्रीरामदूताय नम:

