कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा से लेकर कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल तक को घेरा, बोले क्षमाराम महाराज – गाय के नाम पर राजनीति करती आई भाजपा, आज उसका चारा छीन रही*

नापासर टाइम्स। सिंहस्थल पीठ के महंत क्षमाराम ने गोचर जमीन को लेकर भाजपा को घेरा। कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा से लेकर कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल तक की भूमिका पर भी सवाल उठाए। वे बोले, जनसंघ से लेकर अब तक जो भाजपा गाय के नाम पर राजनीति करती आई आज वही भाजपा गाय के मुंह से चारा छीन रही है। ये गाय के साथ हिंदुओं के साथ भी अन्याय है। सरकार नहीं मानी तो संत सड़क पर उतरेंगे।

शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में क्षमाराज जी महाराज ने कहा कि गोचर भूमि केवल जमीन नहीं, यह गौ वंश के जीवन का आधार है। स्वामी रामसुखदास जी महाराज ने गाय गोचर को बचाने के लिये हमेशा प्रेरणा दी थी। सभी बीकानेर वासी विधायक एवं सासद, मंत्री को पुरजोर तरीके से सरकार पर दबाव बनाकर गोचर भूमि बचाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा बीजेपी गाय गोचर के मुद्दे पर हम से वोट लेकर सरकार बनाती रही है उसी बीजेपी सरकार ने गोचर भूमि को निगल लिया। सारे विधायकों ने गोचर आंदोलन का समर्थन किया।

मगर कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का तरीका जनता को चुभ रहा है। सरकार नहीं मानी तो हम साधु संत योजना बनाकर आन्दोलन करेंगे सड़क पर आकर विरोध करेंगे। कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। बोले, अब चाहे हमें जेल में ही क्यों ना डाल दो। ये जमीन गाय के अलावा किसी और उपयोग में नहीं आने देंगे। स्वामी विमर्शानंद गिरि जी ने कहा गौ गोचर, गंगा, गीता, गायत्री गौरी देश धर्म संस्कृति संस्कार अगर बचाने है तो हर मूल्य पर गौ माता को बचाना आवश्यक है। बीकानेर की शहर नथानियान, गंगाशहर भीनासर, उदयरामसर सहित 188 गांवो की गोचर भूमियां किसी भी सूरत में गोचर भूमि का नुकसान नहीं होने देंगे। ये लोग भी रहे मौजूद संत विलासनाथ जी, रामपाल जी, श्याम सुन्दर जी, बंसीलाल तंवर, कैलाश सोलंकी, रामकिशन डागा, हरिश गहलोत, सूरजमाल सिंह नीमराना, प्रेम सिंह घूमान्दा, नरसिंह दास भिमानी, मनोज कुमार सेवण, सूरज प्रकाश राव, योगेश गहलोत, महेन्द्र, निर्मल कुमार शर्मा, उमाशंकर सोलंकी, यशवीर चौधरी, धमेन्द्र सारस्वत सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

*आंदोलन को बाध्य ना करे सरकारः कल्ला*

पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने भी सरकार पर हमला किया। कहा सरेह नथानियां, गंगाशहर-भीनासर, सुजानदेसर एवं उदयरामसर की करीब 40,000 बीघा भूमि जो कि गोचर भूमि के रूप में रियासत काल में दानदाताओं ने खरीद कर गोचारण के लिए दान थी। रियासत काल में आवंटन के दौरान तत्कालीन महाराजा ने लिखा था कि जब तक चांद-तारे रहेंगे, यह भूमि गोचर के रूप में दर्ज रहेगी। अब ये जमीन रकबा राज में जोड़ ली गई। हजारों आपत्तियां लोगों की जनभावना को बयां कर रही है। आज तक इतनी तादाद में आपत्तियां नही आई। मगर बीडीए प्रशासन इसे इग्नोर करके भूल कर रहा है। दानदाता भागीरथ राठी ने चांदी बेचकर गोचर खरीदी थी। कल्ला ने दो टूक कहा, सरकार अपने अधिकारियों को निरंकुश होने से रोके। सत्ता आती हैं जाती हैं। जनता अगर सड़क पर उतर गई तो कानून व्यवस्था संभालनी मुश्किल होगी। अभी वक्त है। सरकार अधिकारियों का रवैया सुधारे।