


नापासर टाइम्स। बीकानेर में मंगलवार की शाम कलेक्ट्रेट परिसर में एंट्री की बात पर पुलिस और प्रदर्शन कर रहे युवकों के बीच झड़प हो गई। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड गिरा दिए, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा। जवाब में कार्यकर्ताओं ने भी पत्थरबाजी की।
घटना कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर शाम करीब 5 बजे हुई, जिसके बाद आसपास अफरा-तफरी मच गई।
दरअसल, कांग्रेस नेता रामनिवास कूकणा और उनके समर्थक निजी हॉस्पिटल आयुष्मान हार्ट केयर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे रहे है। शाम को कांग्रेसियों की भीड़ ने कलेक्ट्री परिसर में बैरिकेड गिराकर घुसने की कोशिश की।
पुलिस ने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन युवा उग्र हो गए। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए।
इस दौरान कांग्रेस नेता कूकणा सहित उनके समर्थकों के भी चोटें आई। मामले में पुलिस ने कूकणा के साथ ही महेंद्र गहलोत, श्रीकृष्ण गोदारा, हरिराम गोदारा समेत 12 से अधिक को हिरासत में लिया है।
कांग्रेसी कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे थे
कांग्रेस नेता रामनिवास कूकणा और उनके समर्थक अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे रहे थे। कूकणा की मांग पर जिला कलेक्टर से वार्ता हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। वार्ता में पूर्व मंत्री गोविन्दराम मेघवाल और केश कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र गहलोत भी शामिल थे।
वार्ता विफल होने के बाद आंदोलनकारी निकल गए। कुछ लोगों में बेरिकेड्स फेंकने शुरू कर दिए। इस पर पुलिस ने हल्का बाल प्रयोग किया। तभी कुछ युवक पुलिस पर पथराव कर दिया। एडिशनल एसपी तक ने हेलमेट मंगवाकर पहने। इसके बाद पुलिस ने पत्थर फेंकने वालों को खदेड़ा।
पुलिस से झड़प में कांग्रेस नेता कूकणा सहित उनके कई समर्थक घायल हो गए। मामले में पुलिस ने कूकणा के साथ ही महेंद्र गहलोत, श्रीकृष्ण गोदारा, हरिराम गोदारा समेत 12 से अधिक को हिरासत में लिया
पूर्व कैबिनेट मंत्री के जाते ही उग्र हुए
पुलिस के अनुसार- घटना से कुछ देर पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. बीडी कल्ला भी धरना स्थल पर पहुंचे थे। उनके जाते ही भीड़ उग्र हो गई और कूकणा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्टरी में घुसने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें रोक दिया गया।
डॉक्टर को क्लीनचिट देने से नाराज थे
बता दें कि 12 सितम्बर को रामेश्वर लाल पुत्र मुखराम की मौत हो गई थी। मामले में कांग्रेस नेताओं ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था। सोमवार को आई मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट डॉक्टर को क्लीनचिट दी गई। इस रिपोर्ट का कांग्रेसी नेताओं ने विरोध किया था।

