दुर्लभ संयोग के साथ इस बार दस दिन के होंगे नवरात्र,जानिए घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ समय

    नापासर टाइम्स। शारदीय नवरात्र पर घट स्थापना के समय इस बार पूरे दिन हस्त नक्षत्र में शुभ संयोग रहेगा। वहीं तृतीया तिथि की वृद्धि से नवरात्र दस दिन के होंगे। नवरात्र में राजस्थान की प्रसिद्ध करणीमाता,आशापुरा माता,शाकम्भरी,जमवाता माता,जीण माता व मनसा माता सहित सभी शक्ति मंदिरों में भक्ति के कार्यक्रम होंगे। वहीं इसी दिन से मार्केट में फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो जाएगी। बाजारों को बूस्टर डोज मिलेगा। व्यापारियों ने भी नवरात्र के लिए अभी से तैयारियां शुरू की दी है। नए मॉडल के वाहन,गहने,कपड़े,पेंट,डेकोरेशन का सामान मंगलवा लिया है। शोरूम में विशेष सजावट शुरू हो गई है।

    तृतीया तिथि की वृद्धि,इस बार दस दिन के होंगे नवरात्र
    पंडित नारायण व्यास ने बताया कि हर बार नवरात्र स्थापना पर चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग रहता है, जो कि घट स्थापना में टाला जाता है। लेकिन इस बार कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बनेगा। जिसमें बुध, सूर्य, केतु और चंद्रमा विराजमान रहेंगे। इसके अलावा कन्या राशि में सूर्य बुध से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। साथ ही शुक्र और राहु ग्रह के बीच षडाष्टक योग भी बनेगा। व्यास ने बताया कि अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से हर वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। इस बार आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 3 अक्टूबर गुरुवार को है, इस दिन हस्त नक्षत्र में नवरात्र शुरू होंगे। कन्या राशि का चंद्रमा रहेगा वह भी शुभदायक है। नवरात्र पूरे दस दिनों के होंगे। 12 अक्टूबर को महानवमी के साथ नवरात्र पूर्ण होंगे, इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रों में इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई है । तृतीया तिथि शनिवार और रविवार दो दिन रहेगी। इससे नवरात्र 10 दिन के हो गए हैं लेकिन महानवमी शनिवार 12 अक्टूबर को सुबह 11:00 बजे तक रहेगी उसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। शाम को प्रदोष वेला में दशमी होने से दशहरा 12 अक्टूबर शनिवार को ही मनाया जाएगा। नवरात्र में तिथि वृद्धि होना शुभ फलदायक माना गया है ।शास्त्रों में मान्यता है कि बढ़ा हुआ नवरात्र शुभ समृद्धि लाता है।पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर की सुबह 12:19 मिनट से होगा और इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2:58 मिनट पर होगा।

    शारदीय नवरात्रि में 2 दुर्लभ संयोग
    पंडित व्यास ने बताया कि 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी। इस विशेष तिथि पर हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस साल शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है। वहीं, 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी. शारदीय नवरात्रि और हस्त नक्षत्र का महत्व भगवान राम से जुड़ा हुआ है। शारदीय नवरात्रि पर घट स्थापना का मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06.15 से लेकर सुबह 07. 22 तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है।