देवी देशाणै बुला, बोरडियां री छांव। उन धरणी माथौ धरूं, (जठै) करणी धरता पांव। सींथल में आयोजित हो रही है श्री करणी कथा में उमड़ रही है आस्था

नापासर टाइम्स। सींथल गांव में आयोजित हो रही श्री करणी कथा में कथा के तृतीय दिवस महंत श्री करणी प्रताप जी ने विवाह के महत्व के बारे में बताया वह अंतर जाति विवाह को धार्मिक दृष्टि से गलत बताया भगवान शिव और पार्वती के विवाह का सुंदर वर्णन रामचरितमानस की चौपाई गाते हुए किया, उन्होंने सभी माता से कहा कि वह अपनी कन्याओं को बालपन से ही पूजा पाठ भक्ति सिखाएं ताकि उनका जीवन भी अच्छा वर व घर पाकर सुखी हो सके। श्री करणी माता की कथा
मूला रे बास समस्त सुवासिनी मिलकर करा रही हैं। कथा सुनने श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ रही है।