हिंदू धर्म में दिवाली के बाद लाभ पंचमी का विशेष महत्व है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ, ज्ञान और सौभाग्य पंचमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन शिव परिवार और माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. मुख्य रूप से यह त्योहार गुजरात में धूमधाम से मनाया जाता है. लाभ पंचमी पर व्यापार लोग नए बही खातों की पूजा करते हैं और मां लक्ष्मी से व्यवसाय में वृद्धि की कामना करते हैं. इस साल लाभ पंचमी बेहद शुभ संयोग में आइए जानते हैं इस साल लाभ पंचमी कब है, पूजा का मुहूर्त और विधि.
*लाभ पंचमी 2022 मुहूर्त*
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 29 अक्टूबर 2022 को सुबह 08 बजकर 13 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 30 अक्टूबर 2022 को सुबर 05 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार लाभ पंचमी 29 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा.
लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त – सुबह 08.13 – सुबह 10.18 (29 अक्टूबर 2022)
*लाभ पंचमी 2022 शुभ योग*
लाभ पंचमी पर नए उद्यम शुरू करना अत्यधिक फायदेमंद माना जाता है. इस बार लाभ पंचमी के दिन रवि और सुकर्मा योग बन रहा है जिसमें किया कोई भी कार्य सिद्ध होता है. रवि योग के प्रभाव अशुभ योग भी खत्म हो जाते हैं और सारी बाधाएं टल जाती है.
रवि योग – 06.31 AM – 09.06 AM (29 अक्टूबर 2022)
*लाभ पंचमी पूजा विधि*
सौभाग्य पंचमी के दिन प्रात: काल उठकर स्नानादि से निवृत हो जाएं और लाल वस्त्र पहनकर सूर्य को अर्घ्य दें.
शुभ मुहूर्त में भगवान शिव, गणपति जी की चंदन, पुष्प, अक्षत, मौली से पूजा करें. गणेश जी की दूर्वा और सिंदूर, मोदक चढ़ाएं. एक पूजा की सुपारी पर कलावा लपेटें और इसे गणपति के प्रतीक रूप में पूजें. शिव जी को भस्म, धतूरा अर्पित करें.
दिवाली पर जो लोग नए बहीखातों की पूजा न कर पाएं हो तो लाभ पंचमी के दिन यह शुभ काम कर सकते हैं. माता लक्ष्मी को इत्र, कमल का फूल, सफेज मिठाई चढ़ाएं और ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा मंत्र का जाप करें.
सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी इच्छाएं पूरी करता है. कहते हैं इस व्रत के प्रभाव से कारोबार में तरक्की मिलती है.