नापासर टाइम्स। हिन्दू धर्मशास्त्रों में शरीर और मन को संतुलित करने के लिए व्रत और उपवास के नियम बनाए गए हैं. तमाम व्रत और उपवासों में सर्वाधिक महत्व एकादशी का है. एकादशी माह में दो बार आती है. एक शुक्ल एकादशी और दूसरी कृष्ण एकादशी. एकादशी व्रत के मुख्य देवता भगवान विष्णु, कृष्ण या उनके अवतार होते हैं. एकादशी के दिन इन्हीं की पूजा होती है. चैत्र मास में एकादशी उपवास का विशेष महत्व है. इससे मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं. खासतौर से गंभीर रोगों से रक्षा होती है. इस बार कामदा एकादशी का पर्व 19 अप्रैल यानी आज है.
*कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त*
एकादशी तिथि का प्रारंभ 18 अप्रैल यानी कल शाम 5 बजकर 31 मिनट पर हो चुका है और समापन 19 अप्रैल यानी आज रात 8 बजकर 04 मिनट पर होगा. कामदा एकादशी का पारण 20 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 02 मिनट से रात 8 बजकर 35 मिनट तक होगा.
*कामदा एकादशी की पूजन विधि*
इस दिन प्रातः उठकर स्नान करने के बाद पहले सूर्य को अर्घ्य दें. तत्पश्चात भगवान कृष्ण की आराधना करें. उनको पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. फल भी अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद भगवान कृष्ण का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें. इस दिन पूर्ण रूप से जलीय आहार लें या फलाहार लें तो इसके श्रेष्ठ परिणाम मिलेंगे. अगर केवल एक वेला का उपवास रखते हैं तो दूसरी वेला में वैष्णव भोजन ही ग्रहण करें.
फिर अगले दिन प्रातः एक वेला का भोजन या अन्न किसी निर्धन को दान करें. कामदा एकादशी के दिन मन को ईश्वर में लगाएं. क्रोध न करें. असत्य न बोलें. किसी का अपमान न करें.
*संतान की कामना के लिए उपाय*
पति पत्नी संयुक्त रूप से भगवान कृष्ण को पीला फल और पीले फूल अर्पित करें. एकसाथ संतान गोपाल मंत्र का कम से कम 11 माला जाप करें. संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें. फल को पति पत्नी प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
*संतान गोपाल मंत्र-*
ऊं क्लीं देवकी सूत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे, तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ऊं।।
*आर्थिक लाभ के लिए उपाय*
भगवान कृष्ण को पीले फूलों की माला अर्पित करें. इसके बाद “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः” का कम से कम ११ माला जाप करें. आर्थिक लाभ की प्रार्थना करेंय. ये प्रयोग वर्ष में एक बार जरूर करें.
*पाप नाश के लिए उपाय*
भगवान कृष्ण को चन्दन की माला अर्पित करें. इसके बाद “क्लीं कृष्ण क्लीं” का 11 माला जाप करें. अर्पित की हुई चन्दन की माला को अपने पास रखें. इससे पापों का प्रायश्चित होगा. पाप वृत्ति से छुटकारा मिलेगा. आपके नाम यश में वृद्धि होगी.