आज आंवला एकादशी और पुष्य नक्षत्र का संयोग:खरीदारी और निवेश के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त, व्रत और पूजा होगी शुभ फलदायी*

    आज फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। पूरे दिन पुष्य नक्षत्र होने से बुध पुष्य योग बन रहा है। साथ ही मातंग और रवि योग होने से भी आज खरीदारी और निवेश के लिए शुभ संयोग बन रहा है। अग्नि पुराण के मुताबिक फाल्गुन महीने की एकादशी पर पुष्य नक्षत्र होता है तो ये अक्षय पुण्य फल देने वाला योग बनता है।

    आज सूर्योदय के साथ ही पुष्य नक्षत्र शुरू हो गया है, जो रात 10.38 तक रहेगा। 16 घंटे के इस मुहूर्त में हर तरह का शुभ काम लाभदायक, स्थाई और शुभ फलदायी रहेगा।

    इस दिन रियल एस्टेट में निवेश, नए कामों की शुरुआत, वाहन, ज्वैलरी, कपड़े और अन्य चीजों की खरीदारी का अक्षय लाभ मिलेगा। साथ ही घरेलू और ऑफिस में इस्तेमाल की जरूरी चीजें खरीदना भी शुभकारी रहेगा।

    फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आंवला एकादशी या आमलकी ग्यारस के रूप में भी मनाते हैं। इस एकादशी में आंवले के पेड़ की पूजा करने के साथ ही आंवले का दान करने का भी विधान है। जिससे कई यज्ञों का फल मिलता है। इस दिन आंवला खाने से बीमारियां खत्म होती हैं।

    *अग्नि पुराण के मुताबिक अक्षय पुण्य देने वाली एकादशी*

    शुक्ल पक्ष की एकादशी को जब पुष्य नक्षत्र का योग हो उस दिन उपवास करना चाहिए। ऐसी एकादशी अक्षय फल देने वाली और पाप नाशिनी कही जाती है। फाल्गुन महीने में पुष्य नक्षत्र से युक्त एकादशी को सत्पुरुषों ने ‘विजया’ कहा है।

    ऐसी एकादशी में कई करोड़ गुना गुण होता है। एकादशी को सबका उपकार करने वाली विष्णु पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे मनुष्य इस लोक में धन और पुत्रों से युक्त होकर विष्णुलोक में पूजित होता है।

    भविष्य पुराण का कहना है कि इस शुभ संयोग में भगवान वामन की मूर्ति बनवाकर उनकी पूजा करने का विधान बताया गया है। गर्ग संहिता के मुताबिक प्रभास, कुरूक्षेत्र, केदार, बदरिकाश्रम, काशी और सूकर क्षेत्र में चन्द्रग्रहण, सूर्यग्रहण तथा चार लाख संक्रान्तियों के मौके पर जो दान दिया जाता है वो भी एकादशी के उपवास की सोलहवीं कला के बराबर नहीं होता।

    नारद पुराण का कहना है कि इस एकादशी पर आंवले के पानी से नहाएं, उपवास रखकर भगवान मधुसूदन की पूजा करें। रातभर जागरण करते हुए भगवान का भजन करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।