नापासर टाइम्स। बीकानेर के लिए चिंता की बड़ी खबर है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बीकानेर को देश के उन शहरो में माना है जिनकी हवा में प्रदूषण चिंता करने लायक हो चुका है। इसके लिए बाकायदा निर्देश जारी कर तुंरत उपचार करने को कहा है। इस उपचार की रिपोर्ट भी मांगी है।
एनजीटी की इस रिपोर्ट और आदेश के बाद बीकानेर जिला प्रशासन से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक हरकत में आ गया है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने आनन-फानन में फैक्ट्रियों की जांच शुरू की है। तीन दिन में छह फैक्ट्रियां बंद कर दी है। इनके पास लाइसेंस नहीं था। इसके साथ ही प्रदूषण रोकने के पूरे इंतजाम भी नहीं है। इसके साथ ही पांच और फैक्ट्रियों को नोटिस भी दिया गया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ प्रदीप असनानी का कहना है, एक ओर जहां औद्योगिक प्रदूषण रोकने के प्रयास शुरू हुए हैं वहीं दूसरी ओर बीकानेर में प्रदूषण का बड़ा कारण है पर्यावरण में उड़ती रेत। इस डस्ट पार्टीकल के कारण ही यहां की आबोहवा खराब हो रही है।
ऐसे मंे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन सभी विभागों को चिट्ठी लिखी है जो निर्माण और स्वच्छता से जुड़े हैं। खासतौर पर नगर निगम को चिट्ठी लिखकर बीकानेर की सड़कों पर पानी का छिड़काव करने को कहा है। पीडब्ल्यूडी, यूआईटी, पीएचईडी आदि विभागों को लिखा है कि निर्माण के दौरान सामग्री पर पानी छिड़कें ताकि डस्ट नहीं उड़े। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस कार्रवाई की पूरी जानकारी एनजीटी को भेजी है। वहां 10 नवंबर को फिर से सुनवाई है।