नापासर टाइम्स। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में आज नोखा में जनसभा आयोजित हुई। अंबेडकर सर्किल पर आयोजित कांग्रेस की जनसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया इस दौरान कांग्रेस की सभा में प्रदेश प्रभारी सुखजिंद्र रंधावा कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला गोविंदराम मेघवाल यशपाल गहलोत मंगलाराम गोदारा केश कला बोर्ड अध्यक्ष महेंद्र गहलोत,ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी,देहात जिला अध्यक्ष बिशनाराम सियाग उपस्थित रहे। सभा स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इस दौरान कांग्रेस के किसान नेता रामेश्वर डूडी की पत्नी सुशीला डूडी देहात ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रामनिवास तर्ड, उद्योगपति मघाराम कुलरिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मंच पर उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए सुशीला डूडी ने अपने पहले संबोधन में कहा कि उनकी तबीयत खराब है और नोखा की जनता की मांग पर मैं आपके बीच आई हूं। उन्होंने कहा कि मैं कभी राजनीति में नहीं रही सिर्फ परिवार में डूडी साहब की राजनीति में रहे। उन्होंने नोखा की जनता के जज्बे का सम्मान करते हुए कहा कि नोखा के जो भी काम अधूरे रह गए हैं उन्हें हम सब मिलकर पूर्ण करेंगे उन्होंने कहा कि ड्यूटी ने अपना जीवन 36 काम के लिए अर्पित कर दिया। मैं भी इसी तरह जनता की सेवा में अर्पित रहूंगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सुशीला डूडी का नहीं नोखा की जनता का चुनाव है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव हारना और जीतना अलग बात होती है। डूडी ने किसानों के मुद्दे उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दुर्भाग्य से वे चुनाव में कामयाब नहीं हो पाए। नहीं तो वो इस सरकार में मंत्री बनते ।उन्होंने कहा देश में क्या हो रहा है। ED के छापे पड़ रहे हैं। पाकिस्तान के टिड्डी दल की तरह देश में ईडी दल आ रहा है। मजाक बना रखा है। ईडी ही मारक क्षमता ही कम हो गई है। हम चाहते हैं ईडी, सीआईडी, इनकम टैक्स , की एजेंसियां मजबूत बनें। जिससे कि विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी लंदन में बैठे हुए। आर्थिक अपराध कोई नहीं कर रहा है क्या। उनकी मिलीभगत है बीजेपी से। बॉन्ड लेते है, चंदा लेते है, पैसा लेते हैं।आर्थिक अपराधियों के लिए बनी हुई इन एजेंसियों का पूरा ध्यान पॉलिटिशियन के लोगों को डिस्टर्ब करना है। सरकारें गिराओ,खरीद-फरोख्त करो। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मणिपुर गोवा में क्या किया इन्होंने । ये तो आप सभी का आशीर्वाद था, सरकार बच गई।