नापासर टाइम्स। थाना क्षेत्र के मूंडसर गांव की रोही में कींकर की झाड़ियों के बीच रविवार सुबह जब यहां पर रेवड़ चराने वाले ने दो क्षत-विक्षित दो शव पड़े देखे तो उसके होश उड़ गए,उसने ग्रामीणों को सूचना दी,ग्रामीणों ने नापासर थाने फोन कर जानकारी दी तो थानाधिकारी सन्दीप विश्नोई मय जाब्ते मौके पर पहुँचे,शव चार-पांच दिन पुराने लग रहे थे,युवती का शव कींकर के पेड़ की डाली से लटका हुआ था,युवक का शव नीचे पड़ा था,शव सड़ चुके थे,साथ ही जानवरो के नोचे गए दिखाई दे रहे थे,मौके के हालात देखकर थानाधिकारी ने उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया साथ ही एफएसएल टीम को बुलाया गया,इस दरमियान ग्रामीणों की भीड़ लग गई,एफएसएल की टीम ने मौका मुआयना किया था,साक्ष्य जुटाए,लड़की की जेब से बिना सिम कार्ड का मोबाइल मिला,और किसी तरह की आईडी नही मिली,थानाधिकारी सन्दीप विश्नोई ने बताया कि थाना क्षेत्र के मूंडसर गांव की रोही में मिले युवक युवती के शवों की प्रथम दृष्टया शिनाख्त हो गई है, मृतक युवक का नाम राधेश्याम भार्गव निवासी मूंडसर हाल निवासी सारड़ा चौक गंगाशहर व युवती भी गंगाशहर बीकानेर निवासी है,मृतको की उम्र 22-25 साल बताई जा रही है,थानाधिकारी सन्दीप विश्नोई के मुताबिक मामला प्रेम प्रसंग का लग रहा है,मौके पर मिले साक्ष्यों के आधार पर एक साथ आत्महत्या करने की आंशका जताई जा रही है,शवो को नापासर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। परिजनों को सूचित किया है।
प्रेमी जोड़ा था, लड़की को भगाने का मुकदमा भी दर्ज हआ था:
युवक की पहचान मूंडसर गांव के ही राधेश्याम भार्गव के रूप में हुई है जो फिलहाल लंबे समय से गंगाशहर में रहता था। इसी तरह युवती भी गंगाशहर की रहने वाली है। दोनों के बीच प्रेम संबंध होने का मामला पहले भी समाने आया था। लड़की को उसकी ननिहाल नाल भेजा गया। जहां से वह गायब हो गई तो नाना ने इस युवक के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी। दोनों का बरामद कर पुलिस ने युवक को जेल भेज दिया था।
कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया:
मृतक युवक राधेश्याम कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था। इसके बाद कोलायत अपने जीजा के पास चला गया। बताया जाता है कि 12 सितंबर के बाद लड़का-लड़की दोनों नहीं दिखे। हैरानी यह है कि दोनों के परिवारवालों ने इस संबंध में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाई। जिस तरह शव पुराने लग रहे हैं उससे लगता है कि लगभग चार-पांच दिन पहले ही इनकी मौत हो चुकी थी।
पिता को पता नहीं:
मृतक राधेश्याम भार्गव के पिता हजारीराम मूंडसर गांव में ही रहते हैं। उन्हें शिनाख्त के लिए बुलाया गया। वे कहते हैं, कपड़ों से देखकर लगता है कि मेरा बेटा है। मुझे पता नहीं क्या हुआ। वह गांव में रहता ही नहीं था। कभी-कभार ही आता था। ऐसे में गायब होने की भी जानकारी नहीं मिल सकती थी।