श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी महिया किसानों के साथ बीकानेर आए, एसई ऑफिस के आगे डाला पड़ाव, बोले-छह घंटे बिजली दो

    नापासर टाइम्स। बिजली के बढ़ते संकट से किसानों में गुस्सा है। फसलों को पानी चाहिए, गांवों में 6 घंटे बिजली नहीं मिलती। ट्रांसफार्मर जलने के दो माह बाद भी नहीं बदले जाते। कनेक्शन आवंटित हो गए, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं मिल रहे। इन सभी शिकायतों को लेकर आज श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी लाल महिया ने विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में पड़ाव डाल दिया। विधायक के साथ डूंगरगढ़, बम्मलू, नोरंगदेसर, गुंसाईसर, रुणियाबास सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में किसान बीकानेर स्थित वृत कार्यालय में पहुंचे । किसानों ने विद्युत निगम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया। आक्रोशित किसान विधायक के साथ अधीक्षण अभियंता कार्यालय में धरने पर बैठ गए। काश्तकारों ने एक स्वर में कहा कि जब तक समस्याओं का सस्थायी समाधन नहीं मिलेगा, तब तक यहां से नहीं जाएंगे।

    फसलें हो गई चौपट
    रोष जताने आए जेठाराम लाखूसर ने रोष जताते हुए कहा कि विद्युत निगम में अंधेरगर्दी है। उदासीनता का अलाम यह है कि कभी भी ट्रिपिंग के नाम बिजली कट जाती है। लोड बढ़ रहा है, तो ट्रांसफार्मर जल रहे हैं, मगर जले हुए ट्रांसफामरों को बदलवाने के लिए किसान चक्कर काटते रहते हैं। नियमानुसार तो 72 घंटे बदलना चाहिए। पानी के अभाव में फसलें चौपट है, बिजली की आंख मिचौली आग में घी का काम कर रही है।

    • विधायक के सीधे सवाल :
      श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी महिया ने रूद्रा न्यूज से बातचीत में विद्युत निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए। विधायक ने सवाल किया कि जब जले हुए ट्रांसफार्मर 72 घंटे में बदलने के सरकार केे निर्देश है, नियम भी है, तो अपने जिले में डे़ से दो माह तक क्यों नहीं बदले जाते!
    •  दो माह से अधिक समय हो गया है कृषि कनेक्शन आवंटित किए हुए, फिर ट्रांसफार्मर में देने में क्या औपचारिकताएं रह गई है, किसानों के साथ यह छल क्यों!
    • डूंगरगढ़ क्षेत्र में जो 33 केवी के जीएसएस है, उन पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर क्यों लगाते! लोड भी बढ़ गया है।
    • ढाणियों को ग्रुप कनेक्शन क्यों नहीं दिए जा रहे है!
    • 6 घंटे बिजली देने की बात ही बेमानी है। किसानो को पूरी छः घंटे बिजली आपूर्ति की जानी चाहिए।
    • दक्ष-प्रशिक्षत स्टाफ नहीं है, आए दिन होती है दुर्घटनाएं। महिया ने रोष जताते हुए कहा कि गांवों में तकनीकी स्टाफ की बजाय अनभिज्ञ लोगों को जिम्मेवारी सौंप रखी है, जिससे आए दिन करंट की घटनाएं होती है।