नापासर टाइम्स। बेल्जियम की कंपनी से कालीन के लिए 9 करोड़ का ऑर्डर दिलवाने और फिर डिलीवरी नहीं कराने का मामला सामने आया है। आरोपी ने बीकानेर के ही कालीन व्यापारी के यहां सेल्स अफसर के रूप में काम कर रहा था। झांसे में लेकर उसने 7 लाख रुपए भी ठग लिए। पलिस ने गूगल से जानकारी लेकर मामले का खुलासा किया। मामला बीकानेर के जामसर थाने का है।
सेल्स ऑफिस में ही काम करता था आरोपी
जामसर थानाधिकारी इंद्र कुमार ने बताया कि बीकानेर के कालीन व्यापारी ब्रह्मप्रकाश उर्फ मनीष अरोड़ा ने अगस्त माह में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि पानीपत के विभू सूद ने उसके साथ धोखा किया है। विभू ने मनीष अरोड़ा की कंपनी में सेल्स ऑफिस में नौकरी जॉइन की थी। करीब 80 हजार रुपए उसकी सैलरी थी। उसने करीब 9 करोड़ रुपए के कालीन तैयार करवा लिए और डिलीवरी नहीं करवाई।
विभू ने अपने मोबाइल से ही एक फर्जी कंपनी की ईमेल आईडी बनाई और ब्रह्म प्रकाश को ऑर्डर दिया। ब्रह्म प्रकाश ने बीकानेर और पानीपत में स्थित अपनी फैक्ट्रियों में करीब 9 करोड़ रुपए के कालीन तैयार करवा लिए। एडवांस के रूप में 30 प्रतिशत राशि देनी थी, इसके लिए विभू टालमटोल करता रहा। इस दौरान बीकानेर आकर कई महंगे होटलों में ठहरा। जिसका खर्चा अरोड़ा की कंपनी ने ही उठाया ।
इस दौरान सैंपल के नाम पर करीब 5 लाख रुपए के
कालीन हड़पने और 2 लाख रुपए नगद लेने के मामले में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस ने उसे अदालत में पेश करके 11 नवम्बर तक रिमांड पर लिया है। एक और साथी रूपेश शुक्ला की तलाश की जा रही है।
9 करोड़ के ऑर्डर के लिए किराए पर ली फर्म
पुलिस ने बताया कि मार्च 2022 में विभु ने बेल्जियम की एक बहुत बड़ी कंपनी के मालिक रूपेश शुक्ला के मार्फत कालीन खरीदने का ऑर्डर दिलवाया। विभु से उत्पादन शुरू करने से पहले 30 प्रतिशत रुपए बेल्जियम कंपनी से मंगवाने पर विभु सूद और रूपेश शुक्ला ने लुभावनी बातों में फंसाकर उत्पादन शुरू करवा दिया।
इस काम के लिए मनीष ने दूसरी फर्म भी किराए पर ली गई, जहां कालीन बनवाए। करीब 9 करोड़ रुपए के कालीन तैयार होने पर डिलीवरी नहीं ली गई और एडवांस भी नहीं आया। इस बीच करीब 5 लाख रुपए के कालीन सैंपल के तौर पर लिए गए। 2 लाख रुपए बेल्जियम का वीजा व पासपोर्ट के नाम पर लिए गए।कुछ भी वापस नहीं किया गया।
गूगल से हुआ खुलासा
जामसर थानाधिकारी इंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले गूगल से भी रिपोर्ट ली गई। जिसमें पता चला कि जिस कंपनी का आर्डर ईमेल से आया था, वो ईमेल फर्जी था। विभु ने अपने मोबाइल से वो मेल आईडी बनाई थी। पुलिस ने फिलहाल विभु को गिरफ्तार कर लिया है और रुपेश की तलाश की जा रही है।