इस्तीफा देने वाले 2 सांसद सीएम-डिप्टी सीएम के दावेदार: सीएम नहीं बने तो दीया और राज्यवर्धन में से एक को मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह

    नापासर टाइम्स।राजस्थान में बहुमत मिलने के बाद बीजेपी में सीएम की खोज जारी है। इसी बीच बुधवार को विधानसभा चुनाव जीतने वाले 4 सांसदों में से 3 ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। इसमें से 2 सांसद सीएम, डिप्टी सीएम और मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं।

    आज सांसद दीया कुमारी, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपा। इस्तीफा देने के बाद इन सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की। बालकनाथ ने फिलहाल इस्तीफा नहीं दिया है।

    7 सांसदों को बीजेपी ने लड़वाया था चुनाव, 3 हारे बीजेपी ने 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़वाया था। इसमें से विद्याधर नगर से दीया कुमारी, झोटवाड़ा से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सवाई माधोपुर से किरोड़ीलाल मीणा और तिजारा से बाबा बालकनाथ ने जीत दर्ज की। सांचौर से चुनाव लड़े देवजी पटेल चुनाव हार गए। यहां

    तक की उनकी जमानत भी जब्त हो गई।

    इसी तरह से झुंझुनूं सांसद नरेन्द्र कुमार मंडावा और किशनगढ़ से अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को चुनाव लड़वाया गया था। दोनों चुनाव हार गए। हारे हुए तीनों प्रत्याशी सांसद बने रहेंगे।

    सीएम और डिप्टी सीएम की दौड़ में शामिल अपनी सांसदी छोड़कर विधायक बने इन चार सांसदों में से दो के नाम अभी संभावित सीएम उम्मीदवारों में भी शामिल हैं। किरोड़ी लाल मीणा और दीया कुमारी का नाम सीएम की रेस में भी माना जा रहा है। किरोड़ी की पहचान आदिवासी व पूर्वी राजस्थान के बड़े चेहरे के तौर पर है। उनकी दावेदारी सीएम पद से ज्यादा डिप्टी सीएम के लिए मजबूत दिख रही है। बीजेपी अन्य प्रदेशों की तरह राजस्थान में भी एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला लेकर आ सकती है। उस स्थिति में किरोड़ी लाल मीणा को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।

    दीया कुमारी के चुनाव लड़ने से पहले भी उनको वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा था। राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी को पार्टी तीन अलग-अलग जगहों से चुनाव लड़वा चुकी है। सबसे पहले दीया कुमारी सवाई माधोपुर से विधायक चुनी गई थीं। उसके बाद राजसमंद से लोकसभा चुनाव में वे जीतीं। इस बार विद्याधर नगर सीट से उन्होंने राजस्थान में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का भी करीबी माना जाता है।

    सरकार में मंत्री पद मिलना तय

    दीया कुमारी और राज्यवर्धन में से किसी एक को मंत्री भी बनाया जा सकता है। दोनों राजपूत समाज से आते हैं। दोनों ही जयपुर जिले से चुने गए हैं। ऐसे में दोनों में से किसी एक का मंत्री बनना लगभग तय है। राजपूत और जयपुर जिले के हिसाब से देखें तो इस कोटे में दोनों में से किसी एक को एडजस्ट किए जाने के आसार हैं।