देवीसिंह भाटी बोले- भाजपा में शामिल हाेने की इच्छा नहीं:बोले : पहले समर्थकाें की जिद के आगे मैं शामिल हाेने काे राजी हुआ था, वरना मैं ताे खुले में घूमने पर विश्वास करता हूं

    नापासर टाइम्स  बीकानेर के कद्दावर नेताओं में शुुमार देवी सिंह भाटी ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की एक बैठक में जाकर उन्हें खरी-खरी सुना दी। बैठक में ही कलेक्टर पर भी नाराजगी जाहिर की। इससे पहले खुद ही भाजपा में शामिल हाेने का ऐलान करके सुर्खियाें में आ चुके हैं। पिछले दिनों भाटी ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बीकानेर दौरे के दौरान उनकी सभा कराकर भी सुर्खियां बटोरी थीं। उस समय यह भी चर्चा थी कि वसुंधरा की सभा में भाटी की भाजपा में घर वापसी हो सकती है लेकिन उनकी वापसी अटक गई थी।

     

    : बीकानेर कलेक्ट्रेट में क्या हुआ था ?*

    भाटी : जिस दिन अर्जुनराम मेघवाल की बैठक थी, उसी दिन मुझे दाेपहर 12 बजे मिलने का समय कलेक्टर ने दिया था। मैं गाेचर भूमि अतिक्रमणाें से जुड़े विवाद काे लेकर एक प्रतिनिधिमंडल लेकर पहुंचा था। देखा ताे पहले से ही मीटिंग हाॅल में बैठक चल रही थी। मेघवाल सामने थे ताे कुछ मुद्दे-वादे याद दिला दिए।

    : आपने काैनसे-काैनसे मुद्दे और वादे याद दिलाए ?*

    भाटी : मैंने ताे नहर के पानी का मुद्दा उठाया था, जिन जगहाें पर पानी लाने का वादा किया था। इसके अलावा राजस्थानी भाषा के बारे में भी पूछा था कि उसका क्या किया।

    केंद्रीय मंत्री ने भी आपकाे कुछ कहा? मेघवाल के प्रति इतनी नाराजगी क्याें ?*

    भाटी : उन्हाेंने मुझे कुछ नहीं कहा, उल्टा कलेक्टर काे इशारा किया कि मेरे प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करें। कलेक्टर ने हमारे साथ 50 मिनट की बैठक की और मेघवाल अलग से बैठक करते रहे। सभी के अलग-अलग स्वभाव हाेते हैं। मेघवाल का स्वभाव चुप रहने का है और मेरा बाेलने का।

    पार्टी में शामिल हाेने के विवाद के बाद मेघवाल काे ही इससे जुड़ी कमेटी का संयाेजक बनाया। क्या अब भी भाजपा में शामिल होंगे?*

    भाटी : भाजपा में शामिल हाेने काे लेकर फिलहाल अभी काेई इच्छा नहीं है। इससे पहले समर्थकाें की जिद के आगे मैं शामिल हाेने काे राजी हुआ था। वरना मैं ताे खुले में घूमने पर विश्वास करता हूं।

    आगे क्या रहेगा? क्या आप अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ?*

    भाटी : कल किसने देखा है, काैन रहेगा या नहीं, ये पता नहीं है। फिर भी जाे हमारे आराध्य गुरु का आदेश हाेगा, वाे ही करूंगा।

    सरकारी सिस्टम पर आपका हमेशा कम विश्वास देखने काे मिला। वजह ?*

    भाटी : मेरा इस सिस्टम पर विश्वास कम ही है। दरअसल मुझे समाज के सिस्टम पर अधिक विश्वास है। समाज के सिस्टम से मतलब आप और हम हैं। इस सिस्टम में अपराध के लिए काेई स्थान नहीं है। उदाहरण के ताैर पर महिला अपराध काे सामाजिक बायकाट से ही खत्म किया जा सकता है। हाल ही में हमने गाेचर भूमि से अतिक्रमण हटवाया है। ये सामाजिक चेतना का ही असर था।

    आप सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दाें काे लेकर जनता के बीच गए, अब इस पर क्या स्टेंड है ?*

    भाटी : हमने ही सबसे पहले आर्थिक पिछड़ाें के लिए आरक्षण की मांग उठाते हुए सामाजिक न्याय मंच बनाया था। हालांकि सरकाराें ने 10 प्रतिशत आरक्षण देकर थाेड़ी सी राहत दी है, लेकिन इन्हें और राहत की दरकार है।